प्रदेश की प्रगति में प्रवासी राजस्थानियों की भागीदारी अहम – गहलोत

प्रदेश की प्रगति में प्रवासी राजस्थानियों की भागीदारी अहम - गहलोत

मुख्यमंत्री ने हैदराबाद में प्रवासी राजस्थानी समुदाय और हितधारकों से किया संवाद
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हैदराबाद के मैरियट कन्वेंशन सेंटर में प्रवासी राजस्थानी समुदाय और हितधारकों से संवाद किया। इस दौरान वैज्ञानिक, चिकित्सक, सामाजिक कार्यकर्ता, उद्योगपति, चार्टर्ड अकाउंटेंट, विद्यार्थी, प्रवासी राजस्थानी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न क्षेत्रों से विशेषज्ञों और हितधारकों ने अपने सुझाव दिए। गहलोत ने कहा कि राजस्थान को देश का नम्बर 1 राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है। आज राजस्थान विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद तेजी से विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की प्रगति की गति को 10 गुना बढ़ाने और अपने सपनों के राजस्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा मिशन-2030 की शुरूआत की गई है। इसके तहत विजन-2030 डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा। इसमें 2 करोड़ लोगों से बहुमूल्य सुझाव और विचार लेकर उन्हें डॉक्यूमेंट में शामिल किया जा रहा है। प्रदेश की प्रगति में प्रदेशवासियों के साथ-साथ प्रवासी राजस्थानियों की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों से ऑनलाइन एवं अन्य माध्यम से डॉक्यूमेंट हेतु सुझाव देने के लिए अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान से निकले उद्योगपतियों ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जीडी बिरला एवं जमनालाल बजाज जैसे प्रवासी राजस्थानियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ मिलकर स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी भूमिका निभाई। प्रवासी राजस्थानियों का अपने प्रदेश से भावनात्मक जुड़ाव हमेशा बना रहता है। आपदाओं के समय में प्रवासी राजस्थानियों ने हमेशा आगे बढ़कर मदद की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में प्रथम कार्यकाल में प्रवासी राजस्थानियों को व्यवस्थित तरीके से राजस्थान से जोड़ने के लिए राजस्थान फाउंडेशन की स्थापना की गई। आज उस संस्था के माध्यम से प्रवासी राजस्थानियों का राजस्थान से संबंध और अधिक मजबूत हुआ है। गहलोत ने कहा कि 2023-24 के अंत तक राजस्थान की जीडीपी 15 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी। 2030 तक इसे 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक तक ले जाने का हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि क्रूड ऑयल उत्पादन में राजस्थान का देश में दूसरा स्थान है। प्रदेश में बन रही रिफाइनरी एवं पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स से वृहद् स्तर पर रोजगार सृजित होगा। 11.04 प्रतिशत की आर्थिक विकास दर के साथ राजस्थान उत्तर भारत में प्रथम स्थान पर है। गहलोत ने कहा कि अक्षय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। राजस्थान में उत्कृष्ट मूलभूत ढांचा तैयार हुआ है। राज्य सरकार द्वारा 1.50 लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है। राजस्थान में प्रदेश सरकार की नीतियों से लगातार निवेश आ रहा है। गत वर्ष आयोजित इन्वेस्ट राजस्थान समिट के द्वारा वृहद् स्तर पर राज्य में निवेश आया। एमएसएमई एक्ट के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसी क्रम में रिप्स-2019 एवं 2022 भी लाई गई हैं। पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। जिससे इस उद्योग से जुड़े लोगों की आय में वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में प्रत्येक वर्ग के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस के तहत 500 विद्यार्थियों को विदेश में नि:शुल्क पढ़ाई के लिए भेजा जा रहा है। डॉ. अंबेडकर को बडौदा के महाराजा द्वारा पढ़ाई के लिए विदेश भेजा गया था। वे वहां से लौटकर कानूनविद एवं संविधान निर्माता बने। इसी प्रकार ये 500 बच्चे विदेश से लौटकर देश-प्रदेश के विकास में अपना योगदान देंगे। प्रदेश में 303 नए कॉलेज खोले गए हैं, जिनमें 130 महिला कॉलेज शामिल हैं। 500 बालिकाओं के नामांकन पर महाविद्यालय खोलने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में 92 विश्वविद्यालय खुल चुके हैं। देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी, आईआईएम, लॉ यूनिवर्सिटी आज राजस्थान में स्थित हैं। आईटी के क्षेत्र में राजस्थान नंबर वन है। श्री गहलोत ने कहा कि महंगाई की मार से राहत देने के लिए महंगाई राहत कैम्पों के माध्यम से 10 जनहितैषी योजनाओं की गारंटी आमजन को दी गई है। इनमें 500 रुपए में गैस सिलेण्डर, नि:शुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट जैसी योजनाएं शामिल हैं। 1.94 करोड़ परिवार इन कैम्पों से जुड़े, जिन्हें लगभग 8 करोड़ गारंटी कार्ड दिए गए।
गहलोत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान आज मॉडल स्टेट बनकर उभरा है। चिरंजीवी योजना के तहत 25 लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज दिया जा रहा है। आज राजस्थान में 93 प्रतिशत से अधिक लोगों को हैल्थ इंश्योरेंस कवरेज मिल चुका है। 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है। कानून बनाकर स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान पहला राज्य बन गया है। ओपीडी, आईपीडी नि:शुल्क होने के साथ-साथ ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसे महंगे इलाज भी आमजन को नि:शुल्क उपलब्ध हो रहे हैं। गहलोत ने कहा कि राजस्थान में लंपी रोग से मृत दुधारू पशुओं के लिए पशुपालकों को 40 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। साथ ही, कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत प्रति परिवार दो दुधारू पशुओं का 40-40 हजार रुपए का नि:शुल्क बीमा किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा गौशालाओं एवं नंदीशालाओं को 3 हजार करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1 हजार रुपए की सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। साथ ही, इसमें प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत की स्वत: बढ़ोतरी का प्रावधान किया गया है। सरकारी कार्मिकों के लिए ओपीएस बहाल करने तथा आरजीएचएस लागू करने जैसे निर्णय लिए गए हैं। राज्य सरकार की नीतियों से राजस्थान विकास के सभी मापदण्डों पर अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। कार्यक्रम के दौरान किशन कुमावत, डॉ. सुमन, मुकेश जांगिड, धीरज खेतान, डॉ. विपिन गोयल, सुभाष अग्रवाल सहित विभिन्न लोगों ने अपने सुझाव दिए। राजस्थान फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार की नीतियों के चलते राजस्थान अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से ही राजस्थान अपनी अभावग्रस्त राज्य की छवि को पीछे छोड़ते हुए एक समृद्ध राज्य के रुप में उभरा है। राजस्थान की उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं के चलते दूर-दराज से लोग यहां इलाज के लिए आ रहे हैं। इस दौरान जन अभाव अभियोग समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर सहित बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी उपस्थित रहे।

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