आज लॉन्च होगी विश्वकर्मा योजना, मप्र पर खास फोकस, ओबीसी और दलित मतदाताओं को साधेगी भाजपा अब पूरी तरह आत्मनिर्भर बनेंगे श्रमिकआज लॉन्च होगी विश्वकर्मा योजना, मप्र पर खास फोकस, ओबीसी और दलित मतदाताओं को साधेगी भाजपा अब पूरी तरह आत्मनिर्भर बनेंगे श्रमिक
आज लॉन्च होगी विश्वकर्मा योजना, मप्र पर खास फोकस, ओबीसी और दलित मतदाताओं को साधेगी भाजपा अब पूरी तरह आत्मनिर्भर बनेंगे श्रमिक
विश्वकर्मा जयंती और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर यानी 17 सितंबर को देश के 70 शहरों में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की जाएगी, जिसमें मप्र के भोपाल सहित तीन शहरों को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत श्रमिकों को प्रशिक्षण के लिए हर दिन 500 रुपए दिए जाएंगे और प्रशिक्षित हो जाने के बाद 1 लाख रुपए का लोन भी दिलवाया जाएगा। इस योजना के पीछे सरकार का उद्देश है कि देश के श्रमिक पूरी तरह आत्मनिर्भर बने। विश्वकर्मा योजना की बड़े स्तर पर लॉन्चिंग के लिए देश के चुनिंदा 70 शहरों में केंद्र सरकार के 70 मंत्री तैनात रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के 70 शहरोंं के साथ प्रदेश के जिन तीन शहरें में इस योजना का वर्चुअल शुभारंभ करने वाले हैं, उसमें भोपाल के साथ ही इंदौर और ग्वालियर भी शामिल हैं। इन शहरों में विश्वकर्मा जयंती और अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगभग 13 हजार करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का सारे देश में ऑनलाइन शुभारंभ करेंगे। योजना के तहत देश के स्किल लेबर यानी कारपेंटर, बढ़ई, सुतार, मूर्तिकार शिल्पकार, मिस्त्री सहित अन्य सैकडों कारीगर व कुशल कामगारों को प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें हर दिन 500 रुपये दिए जाएंगे और प्रशिक्षण के बाद बैंक के जरिये इन्हें 1 लाख रुपए का लोन दिलाएंगे। यह रकम चुकाने के बाद इन्हें 2 लाख रुपए दिलाए जाएंगे। इस योजना के तहत देश के हर जिले के कुशल कारीगरों और कामगारों को प्रशिक्षित कर उन्हें आर्थिक सहायता देकर उनके हुनर, कला और प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय बाजारों में स्थापित किया जायेगा। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के सूत्र वाक्य पर काम करती है। निश्चित ही पीएम विश्वकर्मा योजना में शामिल कामगार ऐसे लोग हैं, जिनके बारे में आज तक किसी सरकार ने नहीं सोचा। मप्र में भी इस वर्ग के कामगारों की संख्या लाखों में है, जिन्हें इस योजना के जरिए अपने कामकाज को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
ओबीसी और दलित मतदाताओं को साधेगी भाजपा
विश्वकर्मा योजना की बड़े स्तर पर लॉन्चिंग के लिए देश के चुनिंदा 70 शहरों में केंद्र सरकार के 70 मंत्री तैनात रहेंगे। चुनावी राज्य होने की वजह से योजना की लॉन्चिंग को लेकर केंद्र का मप्र पर विशेष फोकस है। मप्र में भोपाल समेत तीन शहरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें केंद्रीय मंत्री मौजूद रहेंगे। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल में, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार इंदौर में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे। भोपाल के रवींद्र भवन में होने वाले कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह सिंह भी उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से सुबह 11.30 बजे वर्चुअली योजना की शुरुआत कर कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। मप्र के तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस योजना से मप्र भाजपा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ओबीसी और दलित मतदाताओं को साधने की कोशिश करेगी। जानकारी के मुताबिक योजना में 18 तरह के कामगारों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है। इनमें बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, पत्थर की कारीगरी करने वाले, नौका बनाने वाले, चर्मकार, राज मिस्त्री, नाई, धोबी, दर्जी, खिलोना बनाने वाले, दरी, झाडू और टोकरी बनाने वाले आदि शामिल हैं। योजना के पहले चरण में कामगारों को 5 फीसदी ब्याज की दर से एक लाख रुपए का कर्ज मुहैया कराया जाएगा। दूसरे चरण में यह राशि बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दी जाएगी। योजना में कामगारों को ट्रेनिंग देने के साथ ही प्रमाण पत्र प्रदान कर मान्यता दी जाएगी। ट्रेनिंग लेने वाले कामगारों को रोजाना 500 रुपए के मान से स्टाइपेंड दिया जाएगा। ट्रेनिंग करने वाले कामगारों को 15 हजार रुपए कीमत की टूल किट मुफ्त दी जाएगी। अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग मनु श्रीवास्तव का कहना है कि विश्वकर्मा योजना के कार्यक्रम भोपाल, इंदौर व ग्वालियर में होंगे। योजना की गाइडलाइन के आधार पर इसके क्रियान्वयन की कार्रवाई होगी।
योजना के माध्यम से बड़े वर्ग पर नजर
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस योजना का लाभ मिलेगा, लेकिन मप्र में नवंबर में आखिर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को इस योजना से फायदा होगा। इस योजना में शामिल होने वाले अधिकतर हितग्राही अन्य पिछड़ा वर्ग और दलित वर्ग के हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योजना की लॉन्चिंग मप्र भाजपा के लिए दोनों वर्गों के मतदाताओं को साधने का अच्छा मौका है। प्रदेश में ओबीसी की आबादी करीब 50 प्रतिशत और एससी वर्ग की जनसंख्या लगभग 16 प्रतिशत है। प्रदेश में एससी वर्ग के लिए विधानसभा की 35 सीटें आरक्षित हैं। यही वजह है कि भाजपा और कांग्रेस आदिवासियों के साथ ही ओबीसी और दलित वर्ग को साधने में जुटी हैं। चूंकि कांग्रेस ने सरकार बनने पर पिछड़ा वर्ग की जनगणना कराने की बात कही है, उसे चुनाव में इसका लाभ मिल सकता है। ऐसे ही पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दलितों के लिए आरक्षित 35 सीटों में से 18 सीटें मिली थीं, जबकि 2013 में कांग्रेस ने 35 में से सिर्फ 3 सीटें जीती थीं। सूत्रों का कहना है कि 17 सितंबर को विश्वकर्मा योजना की लॉन्चिंग के साथ ही इसके दिशा-निर्देश जारी हो जाएंगे। दिशा-निर्देश जारी होने के साथ ही मप्र सरकार योजना के तत्काल योजना के क्रियान्वयन पर तेजी से काम शुरू कर देगी, ताकि योजना का प्रचार-प्रसार कर विधानसभा चुनाव में इसका लाभ उठाया जा सके।