42% त्वचा रोग रोगियों को भी करना पड़ता है नींद में खलल का सामना: शोध

42% त्वचा रोग रोगियों को भी करना पड़ता है नींद में खलल का सामना: शोध

नई दिल्ली। ऐसा नहीं है कि पुरानी अनिद्रा त्वचा के ऊतकों को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचाती है, जो समय से पहले बूढ़ा होने से लेकर एक्जिमा, सोरायसिस और एटोपिक जिल्द की सूजन जैसे विकारों तक होती है, यह इसके विपरीत भी हो सकता है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि त्वचा रोग के प्रभाव का आकलन करने के लिए 20 देशों में 50,000 से अधिक वयस्कों का विश्लेषण करने वाले एक प्रमुख अध्ययन के अनुसार, त्वचा रोग से पीड़ित लगभग आधे (42 प्रतिशत) रोगियों को नींद में गड़बड़ी का अनुभव होता है।

बर्लिन, जर्मनी में यूरोपियन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एंड वेनेरोलॉजी (ईएडीवी) कांग्रेस 2023 में प्रस्तुत निष्कर्षों से पता चला कि नींद की गड़बड़ी का मरीजों के जीवन की गुणवत्ता पर व्यापक प्रभाव पाया गया। त्वचा रोग के रोगियों की नींद को प्रभावित करने वाले मुख्य लक्षण खुजली (60 प्रतिशत) और जलन या झुनझुनी (17 प्रतिशत) थे। इसके अलावा मरीजों को अक्सर जागते ही थकान की भावना का अनुभव होता है (गैर-त्वचा रोग वाले लोगों में 81 प्रतिशत बनाम 64 प्रतिशत), दिन के दौरान उनींदापन की भावना (83 प्रतिशत बनाम 71 प्रतिशत) , आंखों में झुनझुनी (58 प्रतिशत बनाम 42 प्रतिशत) और बार-बार जम्हाई लेना (72 प्रतिशत बनाम 58 प्रतिशत) उन लोगों की तुलना में जिन्हें कोई त्वचा रोग नहीं था।

पेरिस, फ्रांस में कंपनी EMMA क्लिनिक के प्रमुख एवं मुख्य लेखक डॉ. चार्ल्स तैयब ने कहा, हमारा अध्ययन त्वचा रोग के रोगियों के शारीरिक कामकाज पर नींद की गड़बड़ी के गहरे प्रभाव को उजागर करने वाला पहला अध्ययन है, और ये निष्कर्ष नींद की गड़बड़ी का शीघ्र पता लगाने और प्रभावी प्रबंधन की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।

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