लोरमी के पीएम-जनमन क्षेत्र की सभी गर्भवती महिलाओं की 100% प्रसव पूर्व जांच….

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” ने दूरस्थ वनांचलों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाने का नया इतिहास रच दिया है। मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड के प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) क्षेत्र में पंजीकृत सभी 87 गर्भवती महिलाओं की गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच (ए.एन.सी.) सफलतापूर्वक पूरी की गई है।

अभियान के अंतर्गत 15 उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की पहचान की गई, जिन्हें लोरमी मातृ एवं शिशु अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा सोनोग्राफी सहित विशेष जांच उपलब्ध कराई गई।

पीवीटीजी समुदाय में सुरक्षित मातृत्व का संबल

जहाँ कभी बैगा समुदाय की महिलाएँ प्रसव के समय स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रह जाती थीं, वहीं अब ए.एन.सी. जांच, पोषण परामर्श और संस्थागत प्रसव की तैयारी ने उनके जीवन में सुरक्षित मातृत्व की नई आशा जगाई है।

बैगा समुदाय की महिलाएं भी हो रही हैं अभियान से लाभान्वित

राज्य सरकार की 102 महतारी एक्सप्रेस और मोबाइल मेडिकल यूनिट की सेवाओं ने पहाड़ों और घने जंगलों के बीच रहने वाले बैगा समुदाय की महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच को सहज बनाया है। मितानिन और ए.एन.एम. की सतत भूमिका ने इन महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

बैगा समुदाय की महिलाएं भी हो रही हैं अभियान से लाभान्वित

अभियान के दौरान केवल चिकित्सा सेवाएं ही नहीं दी गईं, बल्कि महिलाओं और किशोरियों में जागरूकता का प्रसार भी किया गया। उन्हें मासिक धर्म स्वच्छता, साप्ताहिक आयरन-फोलिक एसिड सेवन और संतुलित आहार पर परामर्श दिया गया। इसके साथ ही सिकल सेल, टीबी, ब्लड प्रेशर, शुगर, सर्वाइकल एवं स्तन कैंसर की प्रारंभिक जांच भी की गई।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” के अंतर्गत प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) को 24 से 26 सितंबर तक विशेष रूप से संचालित किया गया। इस अवधि में प्रदेश के 843 शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से 51 हज़ार से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। इनमें से 10 हज़ार से अधिक उच्च जोखिम गर्भावस्था (High-Risk Pregnancy) के मामलों की पहचान कर उन्हें समय पर विशेषज्ञ परामर्श एवं उपचार उपलब्ध कराया गया। साथ ही, 8,619 महिलाओं की अल्ट्रासोनोग्राफी भी की गई, जिससे मातृ स्वास्थ्य सेवाओं में सटीकता और भरोसे को और मज़बूती मिली।

बैगा समुदाय की महिलाएं भी हो रही हैं अभियान से लाभान्वित

यह उपलब्धि राज्य सरकार की उस प्राथमिकता को दर्शाती है, जिसके तहत मातृ मृत्यु दर कम करने और गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व की गारंटी देने का संकल्प लिया गया है। “छत्तीसगढ़ की महतारी, हम सबकी जिम्मेदारी” की थीम पर आधारित यह अभियान केवल एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता का भी हिस्सा है, जिसने महिलाओं और परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा के महत्व से जोड़ते हुए उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित किया है।

“स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार और सशक्त समाज की आधारशिला है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश की प्रत्येक गर्भवती महिला, चाहे वह सुदूर वनांचल या पीवीटीजी समुदाय से हो, सुरक्षित मातृत्व सेवाओं से जुड़ सके। लोरमी के पीएम-जनमन क्षेत्र में सभी गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच इसी दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह अभियान न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ा रहा है बल्कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की दिशा में भी निर्णायक कदम है” – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

“राज्य सरकार मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। लोरमी जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्रसव पूर्व जांच का लक्ष्य पूरा होना इस बात का प्रमाण है कि हमारी स्वास्थ्य सेवाएँ अब अंतिम छोर तक पहुँच रही हैं। बैगा जैसी पीवीटीजी समुदाय की महिलाओं तक सुरक्षित मातृत्व की सुविधा पहुँचना सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आने वाले समय में हम इस मॉडल को पूरे प्रदेश में और मजबूत करेंगे” – स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल

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