विजन-2030 के तहत आयोजित हुआ राज्य स्तरीय परामर्श कार्यक्रम— चिकित्सा सेवाओं से सम्बद्ध विशेषज्ञों, हितधारकों ने बताया कैसी हो 2030 में स्वास्थ्य सेवाएं, कहा हम इंडिया में टॉप, विश्व में कैसे सर्वश्रेष्ठ बने, यही हमारा प्रयास

विजन-2030 के तहत आयोजित हुआ राज्य स्तरीय परामर्श कार्यक्रम— चिकित्सा सेवाओं से सम्बद्ध विशेषज्ञों, हितधारकों ने बताया कैसी हो 2030 में स्वास्थ्य सेवाएं, कहा हम इंडिया में टॉप, विश्व में कैसे सर्वश्रेष्ठ बने, यही हमारा प्रयास

जयपुर, 6 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की विकसित 2030 की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए विजन-2030 के तहत चिकित्सा, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष विभाग द्वारा प्रदेश में पहल करते हुए बुधवार को राज्य कृषि अनुसंधान केन्द्र दुर्गापुरा के सभागार में राज्य स्तरीय परामर्श कार्यक्रम आयोजित करवाया गया।
इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग श्रीमती शुभ्रा सिंह, शासन सचिव आयुष श्री भानुप्रकाश एटरू, मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, सीईओ राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी श्रीमती शुची त्यागी, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्री शिवप्रसाद नकाते, वीसी आरयूएचएस डॉ. सुधीर भण्डारी, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अधिकारियों, कार्मिकों, प्रबुद्धजनों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारकों ने भाग लिया। इसके साथ ही जिलों एवं संभाग स्तर से भी अधिकारी एवं हितधारक वीसी के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।
इस राज्य स्तरीय परामर्श में अब तक सभी जिलों एवं संभागों में आयोजित 60 चर्चाओं में प्राप्त सुझावों को प्रदर्शित किया गया तथा इस कार्यक्रम से जुड़े लोगों को विजन-2030 के लिए उनके सुझाव देने हेतु निर्धारित प्रपत्र भी दिया गया। ये सभी लोग ऑनलाईन और ऑफलाईन तरीके से अपने सुझाव दे सकते हैं।
हमारा कम्पीटिशन हमसे ही है- एसीएस
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि राजस्थान आज मॉडल हैल्थ स्टेट बन चुका है और स्वास्थ्य के मानकों सहित कई प्रतिमानों में देश में सबसे आगे है। आज हमारा कम्पीटिशन हमसे ही है। इस परामर्श कार्यक्रम में हर तबका और हर वर्ग शामिल हुआ है। हमारा स्वास्थ्य का स्वरूप 2030 में कैसा हो इसके लिए हर स्तर से सुझाव आमंत्रित किए गये हैं और सार्थक परामर्श के बाद एक बेहतरीन विजन डॉक्यूमेंट तैयार होगा। हमारे लिए गर्व की बात है कि पूर्व में आयोजित आमुखीकरण कार्यक्रम से लगभग 6 लाख 75 हजार लोग जुड़े जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
राज्य स्तरीय परामर्श के महत्वपूर्ण बिन्दुः-
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीईओ राशा श्रीमती शुचि त्यागी ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य से प्राप्त सभी सुझावों को समाहित करना है और लोगों को यह बताना है कि किस प्रकार के सुझाव प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह परामर्श सीमित नहीं है इसमें दूर-दराज के क्षेत्रों एवं सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग संभाग और जिला स्तर पर आयोजित लगभग 60 चर्चाओं में 2 हजार 629 सुझाव प्राप्त हुए हैं।
वीसी आरयूएचएस डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में हम देश में टॉप पर हैं। अमेरिका और यूरोप में स्वास्थ्य सेवाएं न केवल महंगी है बल्कि ईलाज के लिए लम्बे वक्त का अपाईंटमेंट लेना पड़ता है। आज से 20 साल पहले जहां एंजियोग्राफी के लिए मुम्बई या विदेश जाना पड़ता था वहीं आज राजस्थान के हर जिले में यह सुविधा उपलब्ध है। अमेरिका में एक सीटी स्केन 5 हजार डॉलर में होती है जबकि राजस्थान में हर जिला स्तर पर यह सुविधा फ्री है। उन्होंने कहा कि हमें छोटे कस्बों तक टर्सरी सेवाओं का विस्तार करना होगा, डे-केयर फैसिलिटी को छोटे कस्बों और दूर-दराज तक स्थापित करना होगा। इसके साथ ही हमें टाउन लेवल तक बेहतर जांच सुविधा विस्तार करना चाहिए ताकि रेफरल व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके। इसके साथ ही चाइल्ड हैल्थ और मेटरनल हैल्थ के सुदृढीकरण के लिए कस्बों के स्तर तक नीकू-पीकू की सुविधा विकसित करनी होगी।
स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट के अधीक्षक डॉ. संदीप जसूजा ने कहा कि देश में तो राजस्थान नम्बर वन है, 2030 तक हमारा लक्ष्य यह है कि हम विश्व से कैसे कम्पीट करें। उन्होंने बताया कि कैंसर की जो दवा 2 लाख रुपये में मिलती थी और जो इम्युनोथैरेपी की दवाएं 3-4 लाख रुपये में आती थी वह आज मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में आमजन को निःशुल्क मिल रही है। उन्होंने बताया कि स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट में 50 बैड की बोनमेरो ट्रांसप्लांट यूनिट स्थापित की जा रही है, जो देश की सबसे बड़ी यूनिट है। हमारा प्रयास हो कि हर जिले के मेडिकल कॉलेज में सर्जिकल और मेडिकल ऑंकोलॉजी की सुविधा उपलब्ध हो तथा स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट में 2030 तक हर स्पेशिलिटी की अलग यूनिट हो।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. विश्वकर्मा ने कहा कि डब्ल्यूएचओ भी सहभागिता की बात करता है और विजन-2030 भी। उन्होंने कहा कि 2030 तक हमें ग्लोबल लीडर बनना है इसके लिए हमें एंटीमाइक्रोबिल रेसिस्टेंट, नॉन कम्युनिकेबल डिजीज तथा एनवायरमेंट चेजेंज की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास करते हुए इनमें लीड लेनी है।
इसी प्रकार सदस्य राजस्थान खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण एवं व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि जिस गति से राजस्थान स्वास्थ्य में मॉडल स्टेट बना है अब हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम मेडिकल ट्यूरिज्म के मामले में ग्लोबल लीडर बने। इसके साथ ही राजस्थान मोटे अनाज का बड़ा उत्पादक है और हमें स्वस्थ जीवनशैली के लिए विश्व में पथ प्रदर्शक बनकर आगे बढना चाहिए।
इस दौरान मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, आयुक्त कॉलेज शिक्षा श्री शिवप्रसाद नकाते , डॉ. अजय चौधरी, डॉ. अनुराग शर्मा सहित विभिन्न अधिकारियों, प्रबुद्धजनों ने भी अपने सुझाव दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button