लॉरेंस गिरोह जीपीएस से ट्रैक कर वीआईपी को ले रहा है निशाने पर

नई दिल्ली। गैंगस्टर लारेंस बिश्रोई गिरोह ने हत्या खासकर वीआईपी लोगों की हत्या करने का तरीका बदल लिया है। वह वीआईपी लोगों को जीपीएस से ट्रैक करते हैं और मनोवांछित स्थान पर पहुंचने पर हत्या करवा देते हैं। इस गिरोह के बदमाश अपने शिकार की गाड़ी के नीचे जीपीएस सिस्टम लगा देते हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस (सीआई) ने दो दिन पहले जिन सात शूटरों को गिरफ्तार किया है वह राजस्थान के गंगानगर के पूर्व विधायक राजकुमार गौड़ के भतीजे पहलवान सुनील गौड़ की इसलिए हत्या नहीं कर पाए थे कि ये उसकी कार में जीपीएस नहीं लगा पाए थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिन सात शूटरों को गिरफ्तार किया है उनसे पूछताछ में ये बात सामने आई है कि जिसकी हत्या करनी होती है उसका पीछा करना आसान नहीं होता। ऐसे में गिरोह के सदस्य अपने शिकार की गाड़ी के नीचे मौका लगते ही जीपीएस लगा देते हैं। इसके बाद ये पीड़ित को ट्रैक करते रहते हैं। जब शिकार हाइवे या सुनसान जगह पर जाता है तो गिरोह के सदस्य गोलियां बरसाकर उसकी हत्या कर देते हैं। हरियाणा के बहादुरगढ़ में आईएनएलडी के प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या भी इस तरह जीपीएस से ट्रैक कर की गई थी। राठी की कार के नीचे जीपीएस सिस्टम लगा दिया था। हरियाणा के गुरुग्राम निवासी क्रिकेट बुकी सचिन मुंजाल (36 साल) रोहतक में रात के समय हत्या कर दी गई थी। वह अपनी कार से मां और पत्नी के साथ पंजाब के संगरूर एक शादी में शामिल होने जा रहा था। वह लोग रात को 11 बजे के करीब रोहतक के लाखनमाजरा में एक ढाबे पर खाना खाने के लिए रुके थे। सभी जब खाना खाकर पार्किंग में आ गए। उस समय सचिन कार में सवार हो गया, जबकि मां बाहर थी। इस दौरान उसकी पत्नी बाथरूम गई थी। तभी स्विफ्ट कार में आए तीन-चार बदमाशों ने सचिन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं थी।

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