पत्रकारिता के क्षेत्र में लिखना-पढ़ना आवश्यक -वरिष्ठ पत्रकार श्री राकेश अचल
पत्रकारिता के क्षेत्र में लिखना-पढ़ना आवश्यक -वरिष्ठ पत्रकार श्री राकेश अचल
पत्रकार सदैव अध्ययनशील रहेंगे, तभी वर्तमान परिस्थितियों से मुकाबला कर सकेंगे-श्री देवश्री माली
जनसम्पर्क विभाग की संभागीय पत्रकार कार्यशाला हुई आयोजित
मुरैना 16 सितम्बर 2023/पत्रक एक पानी के बुलबुले की तरह रहता है, जो कुछ ही क्षणों में उपजत है और मिट जाता है। इस दौर में पत्रकारिता के इतिहास में जो परिस्थितियां निर्मित हुई हैं, ऐसी कभी नहीं हुई। इस स्थिति से मुकाबला करने के लिए पत्रकारों को सदैव अध्ययनशील रहना पड़ेगा। यह बात वरिष्ठ पत्रकार श्री राकेश अचल ने संभाग स्तरीय पत्रकार कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुरैना में कही। यह कार्यशाला जिला जनसम्पर्क कार्यालय मुरैना द्वारा आयोजित की गई। कार्यशाला में वरिष्ठ पत्रकार श्री देवश्री माली, श्री रामवरण शर्मा, श्री राजकुमार दुबे एवं संयुक्त संचालक जनसम्पर्क श्री डी.डी. शाक्यवार सहित संभाग स्तर के प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यशाला का संचालन साहित्यकार श्री सुधीर आचार्य ने किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुये वरिष्ठ पत्रकार श्री राकेश अचल ने कहा कि पत्रकारों को स्वाध्यायी होना चाहिए। विविध विषयों का ज्ञान पत्रकार को आगे बढ़ाता है और मान-सम्मान दिलवाता है। केवल पत्रकार की आईडी भर प्राप्त कर लेने अथवा किसी बड़े अखबार की एजेंसी लेने भर से आप अच्छे पत्रकार नहीं बन सकते। एक गुणीं और श्रेष्ठ पत्रकार को भाषा, व्यवहार, कार्यशैली, शालीनता के साथ-साथ विषयक ज्ञान बोध होना चाहिए।आज यह परिस्थितियां आ गई है, कि राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक लोग कहते हैं कि हम उनके साथ बैठेंगे, उनके साथ नहीं बैठेंगे। एक समय वह था जब पत्रकारों के पीछे लोग दौड़ते थे।उनके जवाब में पढ़े-लिखे होने का बहुत बड़ा रोल रहता था। पत्रकार जो सवाल करते थे, उस सवाल का पत्रकार अध्ययनपूर्वक करेंगे, तो पत्रकारों को संतोषजनक उत्तर मिलेगें। सबके पास डिग्रियां और बड़ी-बड़ी पदवी होती हैं,किन्तु पत्रकारों को पढ़ने-लिखने का ज्ञान नहीं है, तो उसकी माइक आईडी पकड़ने से पत्रकारिता भी धूमिल होती है।
कार्यशाला को वरिष्ठ पत्रकार श्री देवश्री माली ने कहा कि वर्तमान दौर की पत्रकारिता में सजगता और सक्रियता की अधिक आवश्यकता है। दबावों के मध्य भी अपनी लेखनी की धार को कुंद न होने देना ही सच्ची पत्रकारिता है। उन्होंने कहा किपत्रकार सदैव अध्ययनशील रहेंगे, तभी वर्तमान परिस्थितियों से मुकाबला कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कहा मैं आप सबके बीच में पहुंचकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।श्री देवश्री माली ने कहा कि पत्रकारिता के कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु और पत्रकारिता वर्तमान में काफी संघर्षशील हो गई है। इसके लिये हमें पढ़ने-लिखने के लिये कोई दूसरा विकल्प नहीं है, तभी ऊंचाईयां छू सकेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार श्री राजकुमार दुबे ने कहा कि पत्रकारिता का भी एक धर्म होता है, हमें सदैव उसका पालन करना चाहिये। जिस समाज ने हमें यहां तक पहुंचाया है, हमें उस समाज का भी सम्मान करना चाहिए। समाज में अपनी इतनी हैसियत पैदा करनी चाहिए, कि जब कभी संघर्ष का मौका आये तो, समाज उसके साथ खड़ा हो सके।
कार्यक्रम में संयुक्त संचालक जनसम्पर्क श्री डी.डी.शाक्यवार ने सभी अतिथियों को स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में विस्तार से अवगत कराया। मुख्य अतिथियों का पुष्प मालाओं से स्वागत भी किया।
कार्यक्रम में श्री कुशल शर्मा और श्री सोनेन्द्र सिंह सिकरवार ने भी अपने पत्रकारिता के क्षेत्र के अनुभावों को साझा किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी अतिथिगणों और पत्रकार साथियों का स्वागत किया। इसके बाद जनसंपर्क विभाग के श्री रामनिवास टुण्डेलकर ने सभी अतिथिगणों पत्रकारों का फूल माला पहनकर स्वागत किया। इस अवसर पर अतिथियों का शॉल, श्रीफल से भी सम्मानित किया गया।कार्यक्रम के तहत अंत में आभार प्रदर्शन संयुक्त संचालक श्री डी.डी.शाक्यवार ने किया।