नाम-निर्देशन पत्र भरते समय आवश्यक सावधानियां

मुरैना 12 दिसम्बर 2023/निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन और नाम निर्देशन-पत्र प्राप्त करने का कार्य 15 दिसम्बर, 2023 से शुरू होगा। नाम निर्देशन-पत्र 22 दिसम्बर तक लिये जायेंगे। नाम निर्देशन-पत्रों की जाँच 23 दिसम्बर को होगी। अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 26 दिसम्बर है। इसी दिन निर्वाचन प्रतीकों का आवंटन होगा। पंचायतों में मतदान 5 जनवरी, 2024 को सुबह 7 से अपरान्ह 3 बजे तक होगा। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि नाम-निर्देशन पत्र भरते समय आवश्यक सावधानियां बरतें।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ऐसी पंचायतों, पदों के निर्वाचन की सूचना प्रकाशित न की जाए, जिसके निर्वाचन की कार्यवाही किसी न्यायालयीन आदेश के अंतर्गत स्थगित की गई हो अथवा जिसके निर्वाचन न कराये जाने के संबंध में आयोग द्वारा पृथकशः आदेश जारी किया गया हो। प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायतों के उप निर्वाचन वर्ष-2023 (उत्तरार्द्ध) में जनपद पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य के निर्वाचन के साथ-साथ सरपंच पद का भी निर्वाचन ई.व्ही.एम. से कराये जाने का निर्णय आयोग द्वारा लिया गया है। पंच पद का निर्वाचन पूर्व की भांति मतपत्र, मतपेटी से कराए जायेंगे। निर्वाचन के संचालन की सभी कार्यवाहियाँ मध्यप्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम, 1995 तथा आयोग द्वारा समय-समय पर प्रसारित निर्देशों के अनुसार की जाए। चुनाव में मतदाता को “इनमें से कोई नहीं (नोटा)“ का विकल्प दिया जाये। इसके लिये मतपत्र एवं बैलेट यूनिट में अंतिम अभ्यर्थी के पश्चात “इनमंे से कोई नहीं (नोटा)“ अंकित किया जाये और उसके सामने उसका प्रतीक (Û) (गुणा का निशान कोष्टक रहित) भी दर्शाया जाए। त्रिस्तरीय पंचायतों के उप निर्वाचन वर्ष-2023 (उत्तरार्द्ध), पंच, सरपंच के पद के लिये नाम निर्देशन पत्र प्रारूप-4 में अभ्यर्थियों से प्राप्त किये जाये। नाम निर्देशन पत्र शनिवार को भी प्राप्त किये जायेंगे। पंच पद के प्रत्येक अभ्यर्थी को अपने नाम निर्देशन-पत्र के साथ आयोग द्वारा विहित प्रारूप में एक घोषणा-पत्र एवं उसके साथ “घोषणा-पत्र का सार“ तथा सरपंच के प्रत्येक अभ्यर्थी को अपने नाम निर्देशन-पत्र के साथ एक शपथ-पत्र एवं उसके साथ “शपथ-पत्र का सार“ प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा-36 में किये गये प्रावधानों के अनुसार पंचायत के शोध्यों की बकाया वसूली के संबंध में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए पंच, सरपंच के अभ्यर्थियों को अपने नाम निर्देशन पत्र के साथ पंचायत को देय समस्त शोध्यों का “अदेय प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 36(1) (गघ) में जोड़े गये विद्युत बिलों की बकाया वसूली के संबंध में किये गये प्रावधानों के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए पंच, सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य के अभ्यर्थियों को अपने नाम निर्देशन-पत्र के साथ मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी या उसकी उत्तरवर्ती कम्पनियों को देय समस्त शोध्यों का “अदेय प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के निर्वाचन के लिये आरक्षित पद से निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी से यह अपेक्षा रहेगी कि वह नाम निर्देशन-पत्र के साथ मध्यप्रदेश शासन के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी शासन द्वारा निर्धारित विहित प्रारूप में जाति प्रमाण पत्र संलग्न करें। यदि अभ्यर्थी के पास नाम निर्देशन पत्र भरते समय जाति प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं है तो अभ्यर्थी को इस वर्ग का सदस्य होने बावत जिसके लिये स्थान आरक्षित है, अपना जाति संबंधी शपथ पत्र नाम निर्देशन पत्र की संवीक्षा प्रारम्भ होने के पूर्व रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। मध्यप्रदेश शासन के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत न करने अथवा आरक्षित वर्ग का सदस्य होने बाबत् शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में अभ्यर्थी का नाम निर्देशन-पत्र निरस्त किया जायेगा। मतदान केन्द्र पर पीठासीन अधिकारियों द्वारा उपयोग किये जाने वाले प्ररूप, प्रपत्र और परिशिष्ट को समेकित करते हुए आयोग द्वारा “पीओ बुकलेट“ एवं “पीओं लीफलेट“ जारी की गई है। मतदान केन्द्रों पर अब पीओ बुकलेट एवं पीओ लीफलेट का प्रयोग किया जाये। जिन मतदान केन्द्रों पर केवल पंच का निर्वाचन होगा, वहाँ “पंच उपचुनाव बुकलेट“ और “पंच उप चुनाव लीफलेट“ का उपयोग किया जाये।

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