तीन दिवसीय 385 वॉ उर्स के दूसरे दिन महफिल ए शमॉ कव्वाली का हुआ आयोजन
तीन दिवसीय 385 वॉ उर्स के दूसरे दिन महफिल ए शमॉ कव्वाली का हुआ आयोजन
आगरा। हज़रत सय्यदना ओलिया बाबा रह0 का 384 वाँ उर्स दरग़ाह सय्यदना हज़रत ओलिया बाबा रह0 छीपी टोला हन्ना गली आगरा में बड़ी धूम धाम के साथ दूसरे दिन 14 सितम्बर शाम 5 बजे चादर शरीफ पेश की गयी | फातिहा शरीफ | शाम 7 बजे लंगर तक़सीम किया गया । रात 9महफ़िल ए कव्वाली का प्रोग्रामहुआ जिसमें फिरोजाबाद कव्वाल जनाब शकील शाबरी ने सुफियाना कलाम पेश किये । जब ये कलाम पढ़ा तो ” में किया बताऊँ तम्मना ए ज़िंदगी किया है । हुज़ूर आप सलामत रहे कमी किया है । ‘ वहाँ मौज़ूद अक़ीदत मन्द झूमने पर मजबूर हो गये । इसके बाद एक से एक सूफियाना कलाम पढ़ा गया । सज्जादानशींन मियां मौहम्मद हुसैन रशीदी ने बताया कि कव्वाली सुफीयौं की रुहानी गिज़ा हे | जो राहे तरीकत के लोग शुरू से ही सुनते आये हे | सुफियाना कलाम से जो रुहानियत मे केफौ शुरूर आता हे उससे अपने पीरो मुर्शिद से और ज्यादा मोहब्बत बढ़ती हे |जब मुरीद अपने पीरो मुर्शिद से मोहब्बत ज्यादा करता हे उसके दराजात बढ़ते हे उसके दाराजात बुलंद होते हैं तो वो तरीक़त की मसन्ज़िले ते करता हुआ एक दिन अल्लाह की ज़ात में फ़ना हो जाता है और फ़ना फ़िल्लाह के मुकाम तक पहुँच जाता है | उर्स की महफ़िल में पीर-ए-तरीक़त हज़रत खलिफा अबदुल रशीद क़ादरी ,नकशबन्दी ,सन्दलीइस्हाकी़ सज्जादानशीं मियां मौहम्मद हुसैन रशीदी , भुल्ले शाह, पीर ज़ादा मौहम्मद उबार हुसैन, पीर ज़ादा मौहम्मद हस्सान ,सूफी इकबाल , सूफी नन्ने , खादिम सुनील कुमार,मौहम्मद सुलतान ,मौहम्मद इस्माईल , मोहम्मद उस्मान, मौहम्मद इकराम , , फरीद कादरी ,मौहम्मद सुहेल, फ़ैज़ान उस्मानी भुल्लन , इदरीस उस्मानी ,शफी मोहम्मद ,रशीद , मोहम्मद असफाक, नसीर ,शाहीद ,महेश ,असरफ ,यूसुफ, वकील मोहम्मद असफाक ,नईम ,इंसाफ़, नेनु ,साबिर ,सद्दाम सलीम आरिफ ,बॉबी ,शक़ील, रोबिन जैन आदी उपस्थित रहे ।