चंद्रयान-3 के रॉकेट का हिस्सा नियंत्रण से बाहर होकर प्रशांत महासागर में गिरा

इसरो ने कहा- वजह पता नहीं

श्रीहरिकोटा। चंद्रयान-3 के लॉन्च व्हीकल एलवीएम 3 एम4 का एक हिस्सा नियंत्रण से बाहर हुआ और पृथ्वी के वातावरण में फिर से प्रवेश कर गया। इसकी जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बुधवार को दी। अनियंत्रित होने वाला हिस्सा लॉन्च व्हीकल का क्रायोजेनिक अपर स्टेज था, जिसने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को तय कक्षा में स्थापित किया था। इसरो ने बताया- यही हिस्सा बुधवार 15 नवंबर की दोपहर 2.42 बजे पृथ्वी के वातावरण में दाखिल हुआ। यह हिस्सा प्रशांत महासागर में गिर गया।

इसके अनियंत्रित होने की वजह अभी साफ नहीं हुई है। इसका फाइनल ग्राउंड ट्रैक भारत के ऊपर से होकर नहीं गुजरा। इसरो के बयान के मुताबिक चंद्रयान-3 को लॉन्च किए जाने के 124 दिन बाद नोराड आईडी 57321 नाम की यह रॉकेट बॉडी पृथ्वी में री-एंटर हुई। चंद्रयान-3 के ऑर्बिट में स्थापित होने के बाद अपर स्टेज को निष्क्रिय (पैसिवेशन) करने की प्रक्रिया से भी गुजारा गया था। पैसिवेशन में रॉकेट में मौजूद प्रोपेलैंट और एनर्जी सोर्स को हटाया गया, ताकि अंतरिक्ष में विस्फोट के खतरे को कम किया जा सके। यह प्रक्रिया भी इंटर-एजेंसी स्पेस डेब्रिस कोऑर्डिनेशन एजेंसी  और यूनाइटेड नेशंस की गाइडलाइंस के तहत आती है।

 

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