ग्रीन ऐग प्रोजेक्टः सीआरपी द्वारा किया जा रहा बेसलाइन सर्वे

ग्रीन ऐग प्रोजेक्टः सीआरपी द्वारा किया जा रहा बेसलाइन सर्वे

प्रोजेक्ट की प्रगति को लेकर बैठक आयोजित

प्रारंभिक चरण में 25 गांव में गतिविधियां संचालित

मुरैना 22 सितंबर 2023/ ग्रीन ऐग प्रोजेक्ट अंतर्गत कलेक्टेªट सभाकक्ष में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिला स्तरीय प्रोजेक्ट टीम द्वारा अब तक के कार्यों की प्रगति प्रस्तुत की गई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना ने की। बैठक में कृषि विभाग के उप संचालकश्री पी सी पटेल, पशु चिकित्सा के उप संचालक डॉ. आर पी एस भदौरिया,महिला बाल विकास अधिकारी श्री प्रदीप राय, अतिरिक्त जिला सी ओ श्री आर के गोस्वामी, उद्यानिकी की सहायक संचालक अशोक कोशिक, कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कायम सिंह, प्रोजेक्ट के स्टेट टेक्निकलकाडिनेटर डॉ. सुजान सिंह, फूड एण्ड आर्गनाईजेशन की ओर से नियुक्त इनसाइड कंसलटेट स्वपनील दुबे, हिमांशु दुबे, अजीत, देवेन्द्र चटर्जी तथा जिला स्तरीय टीम लीडर अतुल पाल आदि उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना ने निर्देश दिये कि ग्रीन ऐग प्रोजेक्ट के तहत किये जा रहे कार्यों के साथ ही कृषि, पशुपालन, मत्स्य, उद्यानिकी, कृषि विज्ञान केन्द्र आदि की रूटीन योजनाओं का लाभ कन्वर्जन करते हुए प्रोजेक्ट एरिया में लक्षित परिवारों को दिया जायें। पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता के उद्देश्य से उन्हें वानिकी एवं उद्यानिकी से जोड़ा जायें। उन्होंने कहा कि क्रॉप पेटर्न में बदलाव लाया जायें, इसके लिए कृषि क्षेत्र में कार्य करने की जरूरत है। इस अवसर पर प्रेजेटेंशन के माध्यम से बताया गया कि प्रोजेक्ट के तहत श्योपुर एवं मुरैना जिले की विजयपुर विकासखण्ड में 98 हजार हेक्टयर भूमि को लक्षित कर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर, लाइलीहुड, जैव तथा सबलगढ़ विविधता, लैण्ड मैनेजमेंट, रिवाईन्स एरिया में सुधार सहित पर्यावरण की दिशा में कार्य किया जा रहा हैइसमें कुल 116 गांव लिये गये हैजिनमें विजयपुर के 76 तथा सबलगढ़ के 40 गांव शामिल है।

वर्तमान में सभी गांव में सीआरपी के माध्यम से बेसलाइन सर्वे कार्य कराया जा रहा है, इसके साथ ही प्रारंभिक स्तर पर 25 गांव में गतिविधियां आयोजित की जा रही है, जिसके तहत विजयपुर के 17 तथा सबलगढ़ के 08 गांव के लिये गये है। इन ग्रामों में विलेज लेबल कमेटियां गठित कर ली गई है, साथ ही कम्युनिटी कंसलटेसिंग का कार्य किया जाकर ईको क्लब का गठन भी किया गया।

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