कार्मिक विभाग की राजस्थान मिशन-2030 को लेकर बैठक, विजन दस्तावेज-2030 बनाने के लिए कार्मिक संगठनों से मिले महत्वपूर्ण सुझाव – प्रमुख शासन सचिव, कार्मिक विभाग
कार्मिक विभाग की राजस्थान मिशन-2030 को लेकर बैठक, विजन दस्तावेज-2030 बनाने के लिए कार्मिक संगठनों से मिले महत्वपूर्ण सुझाव - प्रमुख शासन सचिव, कार्मिक विभाग
जयपुर, 6 सितम्बर। राजस्थान को वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने ‘मिशन 2030‘ की मुहिम चलाई है। राजस्थान विज़न दस्तावेज 2030 तैयार करने के लिए कार्मिक विभाग द्वारा हितधारकों से गहन परामर्श कर उपयोगी सुझाव लिए जा रहे हैं।
इसी क्रम में कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री हेमन्त कुमार गेरा ने शासन सचिवालय में अखिल भारतीय सेवा, राजस्थान राज्य सेवा, सचिवालय सेवा के विभिन्न संघों, विभिन्न कर्मचारी महासंघो के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर बहुउपयोगी सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने कहा कि विजन दस्तावेज-2030 बनाने के लिए कार्मिकों के सुझावों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इन सुझावों को भविष्य में क्रियान्वित कर कार्मिकों के लिए बेहतर वातावरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।
बैठक में विभिन्न कार्मिक संगठनों ने ऑफिस ऑटोमेशन, पेपरलेस ऑफिस, प्राप्त प्रकरणों का समयबद्व निस्तारण, कर्मचारी कल्याण बोर्ड के गठन, कार्मिकों के कार्यकाल में स्थायित्व, कार्मिकों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए समय-समय पर विषयवार प्रशिक्षण, कार्मिकों को अत्याधुनिक गेजैट्स की उपलब्धता आदि सुझाव शामिल हैं। साथ ही, विभागों में विषय विशेषज्ञों का प्रावधान, भर्ती प्रक्रियाओं में लगने वाले समय को न्यूनतम करने, सेवा नियमों में सरलीकरण, अन्य राज्यों की तुलना में वेतन विसंगति दूर करने, स्थानांतरण में राजनीतिक हस्तक्षेप दूर करने, पदनाम के अनुरूप कार्यव्यवस्था और समयबद्ध प्रमोशन के संबंध में सुझाव दिए।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में ”राजस्थान – मिशन 2030 अभियान” 30 सितम्बर 2023 तक चलाया जा रहा है। मिशन 2030 के तहत एक करोड़ से भी अधिक प्रदेशवासियों से सुझाव लिए जा रहे हैं। राज्य सरकार इन सभी सुझावों को समाहित कर राज्य का विज़न दस्तावेज 2030 जारी करेगी।
बैठक में श्री अक्षय गोदारा, संयुक्त शासन सचिव, कार्मिक (क-1) विभाग, श्री शिव प्रसाद सिंह, संयुक्त शासन सचिव, कार्मिक (क-3/शिकायत) विभाग एवं श्री विकास राजपुरोहित, शासन उप सचिव कार्मिक (ख) विभाग सहित कार्मिक संगठनों के हितधारक, संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।