कर्मयोगी एनक्लेव में शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा
कर्मयोगी एनक्लेव में शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा
आगरा। पितृ पक्ष के पावन अवसर पर कर्मयोगी एनक्लेव, कमला नगर में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। प्रातः बेला में ढोल नगाड़ों के साथ मंदिर मार्ग से यजमान श्री दीपक जैन भागवत की पोथी को लेकर अपने निवास स्थान पर आए। उनके आगे चल रही थीं ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी की शिष्या एवं कथा वाचक डॉ दीपिका उपाध्याय। यजमान पत्नी शालिनी जैन के साथ अन्य सुहागिन स्त्रियां कलश उठाए मंगल गीत गाती चल रहीं थीं। कलश स्थापना एवं पूजन के उपरांत विधिवत श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ हुई। प्रथम दिवस की कथा में भक्ति का महत्व बताते हुए कथा वाचक ने कहा कि कलिकाल में भक्ति का महत्व सर्वाधिक है। भक्ति की प्रधानता और सहजता के कारण ही राजा परीक्षित को भी कलिकाल को अपने राज्य में स्थान देना पड़ा था। भक्ति के परमधाम श्रीमद् भागवत में भक्ति के साथ-साथ ज्ञान और वैराग्य भी स्थान पाते हैं। यही कारण है कि जहां भी श्रीमद् भागवत कथा का सुंदर पाठ होता है वहीं श्रीहरि अपने पार्षदों के साथ किसी न किसी रूप में अवश्य पहुंच जाते हैं। यही कारण है कि सनत्कुमार एवं शुकदेव जी ने इसके सप्ताह श्रवण की विधि बताई है। कथावाचक ने इस अवसर पर प्रवर एवं अवर श्रोताओं के भेद तथा भगवान वाराह के दिव्यावतार का वर्णन किया। इस अवसर पर नरेंद्र अग्रवाल, सुरेश चंद्र गर्ग, मोहनलाल जैन, पवन जैन, आशा गर्ग, रेनू अग्रवाल, सीता अग्रवाल, प्रिया जैन, अनमोल जैन, रेनू अग्रवाल, देवेंद्र गोयल आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।