आरटीओ में प्राथमिकता के आधार पर होगा महिला साहित्यकारों का ड्राइविंग लाइसेंस सहित हर कार्य: एआरटीओ रचना यदुवंशी
आरटीओ में प्राथमिकता के आधार पर होगा महिला साहित्यकारों का ड्राइविंग लाइसेंस सहित हर कार्य: एआरटीओ रचना यदुवंशी
आगरा। साहित्य साधिका समिति द्वारा शिक्षक दिवस एवं हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में गणेश चतुर्थी के पावन और पुण्यदायी दिवस पर मंगलवार शाम यूथ हॉस्टल में आगरा की एआरटीओ व उदीयमान साहित्यकार रचना यदुवंशी को साहित्य साधिका सम्मान-2023 और नारायण कॉलेज शिकोहाबाद की हिंदी विभागाध्यक्ष विदुषी डॉ. अनुपमा चतुर्वेदी को सुधी शिक्षक सम्मान- 2023 प्रदान किया गया। साहित्य साधिका समिति की संस्थापक, आरबीएस कॉलेज की पूर्व प्राचार्य और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुषमा सिंह, श्रीमती रमा वर्मा ‘श्याम’, श्रीमती कमला सैनी, अध्यक्ष श्रीमती माला गुप्ता, सचिव यशोधरा यादव ‘यशो’, मुख्य अतिथि हापुड़ से पधारीं वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती कमलेश फर्रुखाबादी, समारोह-अध्यक्ष प्रतिष्ठित साहित्यकार पद्मश्री प्रो. उषा यादव और विशिष्ट अतिथि श्रीमती शांति नागर ने दोनों विभूतियों को संयुक्त रूप से सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मान पत्रों का वाचन डॉ. रेखा कक्कड़ और अलका अग्रवाल द्वारा किया गया। सम्मान से अभिभूत रचना यदुवंशी ने आरटीओ में महिला साहित्यकारों के ड्राइविंग लाइसेंस सहित हर कार्य को प्राथमिकता पर किए जाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि एक महिला चाहे ग्रहणी हो, वैज्ञानिक हो, अधिकारी या कोई सरकारी कर्मचारी.. उसके पास साहित्य सृजन के लिए अनुभवों का अनुपम संसार है। सिर्फ कलम पकड़ने का इंतजार है। सुधी शिक्षक सम्मान से सम्मानित डॉ. अनुपमा चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान शिक्षा की दिशा सोचनीय है, सुधार की महती आवश्यकता है। जरूरी है कि शिक्षक खड़े हो जाएं और अपने भीतर के शिक्षक को जगाएं।अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्रतिष्ठित साहित्यकार पद्मश्री प्रो. उषा यादव ने कहा कि हिंदी के निर्माण में सभी जनपदीय बोलियां व भारतीय भाषाओं का योगदान है इसलिए हमारी हिंदी गंगा भी है और मां भी है। डॉ. सुषमा सिंह ने साहित्य साधिका समिति के उद्देश्य और सफर पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्षभर हर महीने अलग-अलग विषय पर साहित्यिक आयोजनों के साथ संस्था द्वारा वार्षिक पत्रिका सुवर्णा का प्रकाशन किया जाता है। खुशी की बात है कि 15 सदस्यों से शुरू हुई इस संस्था में अब 60 महिला साहित्यकार जुड़ चुकी हैं। रमा वर्मा श्याम ने स्वागत उद्बोधन देते हुए महिला साहित्यकारों का आह्वान किया- अंधेरा चीर कर आगे बढ़ो, बढ़े चलो यारो.। इससे पूर्व संगीता अग्रवाल ने मां शारदे की वंदना और ललिता करमचंदानी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। सचिव यशोधरा यादव यशो ने संचालन किया। संस्थापक कमला सैनी ने धन्यवाद दिया। समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजेंद्र मिलन, अशोक अश्रु, मधु भारद्वाज, सुशील सरित, डॉ. नीलम भटनागर, डॉ. प्रभा गुप्ता, डॉ. पूनम तिवारी, डॉ. सुनीता चौहान, डॉ. रमा रश्मि, ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय, अनिल शर्मा, रेखा गौतम, विनय बंसल, स्मिता चतुर्वेदी, पद्मावती बघेल, साकेत कुलश्रेष्ठ, कुंवर प्रताप सिंह सिसोदिया, सावित्री राठौर, भरतदीप माथुर, रामेंद्र शर्मा, भावना दीपक मेहरा और कल्पना शर्मा सहित शहर के तमाम जाने-माने साहित्यकार मौजूद रहे।