राजस्थान मिशन 2030— विद्युत निगमों की बैठक में हितधारकों से प्राप्त सुझावों पर विस्तार से चर्चा— प्रदेश के सभी राजस्व गावों में 3 फेज बिजली आपूर्ति सिस्टम तैयार करने का भेजा जाएगा प्रस्ताव

राजस्थान मिशन 2030— विद्युत निगमों की बैठक में हितधारकों से प्राप्त सुझावों पर विस्तार से चर्चा— प्रदेश के सभी राजस्व गावों में 3 फेज बिजली आपूर्ति सिस्टम तैयार करने का भेजा जाएगा प्रस्ताव

जयपुर, 15 सितम्बर। राजस्थान को वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने
हेतु राज्य सरकार द्वारा विजन दस्तावेज तैयार किया जा रहा है। इस दस्तावेज में प्रदेश के प्रबुद्धजनों, विषय विशेषज्ञों, हितधारकों,युवाओं एवं समाज के सभी वर्गों के सुझावों, आकांक्षाओं व अपेक्षाओं को सम्मिलित किया जाना है।
राजस्थान डिस्काॅम के चेयरमैन श्री भास्कर ए. सावंत की अध्यक्षता में शुक्रवार को विद्युत भवन में विडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से विद्युत निगमों की आयोजित बैठक में विभिन्न स्तरों पर आयोजित परामर्श शिविरों में हितधारकों से प्राप्त प्रमुख सुझावों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि अब तक विद्युत निगमों द्वारा हितधारकों के साथ 47 परामर्श शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें 1526 हितधारकों द्वारा भाग लिया गया। हितधारकों से 883 सुझाव ऑफ लाइन माध्यम से व 3431 सुझाव आॅनलाइन माध्यम से प्राप्त हुए। हितधारकों से प्राप्त महत्वपूर्ण सुझावों को संकलित कर विभागीय दस्तावेज बनाकर राज्य सरकार को भिजवाया जाएगा। ये सुझाव राज्य की 2030 तक की भावी आवश्यकताओं एवं प्रदेश को बिजली के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
बैठक में सुझाव दिया गया कि विजन दस्तावेज में यह शामिल किया जाए कि विद्युत निगमों के सिस्टम को इस तरह का बनाया जाए कि किसी भी उपभोक्ता को बिजली सम्बन्धित कार्यों के लिए विद्युत निगम के कार्यालय में नही आना पड़े। सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं के सभी कार्य जैसे नया बिजली कनेक्शन, लोड बढाना व घटाना, कनेक्शन काटना व पुनः जोड़ना आदि कार्य
आॅनलाइन माध्यम से ही हो जाए। बिजली बिलों के ऑनलाइन माध्यम से भुगतान को बढावा देना।
   इसके साथ ही 2030 तक प्रदेश के सभी राजस्व गावों में बिजली आपूर्ति थ्री फेज सिस्टम से की जानी चाहिए। इससे पीक मांग कम होगी, ट्रांसफार्मर बर्निग रेट कम होगी व विद्युत जनित दुर्घटनाएं कम होगी और उपभोक्ताओं के संतुष्टि का स्तर भी बढेगा।
श्री सावंत ने कहा कि 2030 तक प्रदेश को बिजली के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए बिजली की बढी हुई मांग के अनुरुप विद्युत उत्पादन को बढाना पड़ेगा। इसके लिए  2030 तक 90 गीगावाट सौलर व विण्ड एनर्जी क्षमता का विकास, सौलर रुफटाप 4 गीगावाट, विण्ड पावर क्षमता को बढाने के लिए रि-पावरिंग का कार्य। पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर में सुधार के लिए वर्ष 2030 तक एटीएण्डसी लाॅस को 10 प्रतिशत या इससे कम करना, बिजली की मांग दो गुनी होने की सम्भावना को देखते हुए स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के तहत कृषि के अतिरिक्त सभी उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर लगाने, 132 केवी व 400 केवी के प्रसारण नेटवर्क को रिंग मैन यूनिट से जोड़ना, जिससे किसी भी जीएसएस में फाल्ट आने पर दूसरे सप्लाई चालू की जा सके और सिस्टम में आईटी का अधिक से अधिक उपयोग करना आदि कार्य करने पड़ेंगे। उन्होंने बताया कि इन सभी कार्यों को करने के लिए डिस्काॅम वित्तीय स्थिति पर विशेष ध्यान देना पड़ेगा एवं डिस्काॅम को वित्तीय रुप से मजबूत करना पड़ेगा।
हितधारको द्वारा दिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव—
परामर्श शिविरों में आम नागरिको, उपभोक्ताओं व निगमों के अधिकारी व कर्मचारियों से कुछ महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए है, जिसके तहत ऑनलाईन सेवाओं के लिए मोबाइल एप, शिकायतों का तुरन्त समाधान, हाई रिस्क पाॅइन्ट्स ठीक करना, सोलर पम्प के लिए अनुदान बढाना, ब्लाॅक आवर्स के समय को बढाना, ट्रांसफार्मरों की फेन्सिग कराना, लाइनों को अण्डरग्राउण्ड करना, रुफटाप सोलर को बढावा देना, जले ट्रांसर्फरों को समय पर बदलना, बिजली की चोरी को समाप्त करना, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में निर्बाध बिजली की आपूर्ति, सब-डिवीजन स्तर पर ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग लैब की स्थापना, फीडर सेग्रीगेशन को प्राथमिकता, ओएण्डएम, रेवेन्यू व विजिलेन्स कार्य के लिए अलग-अलग सब-डिविजन की स्थापना आदि।
बैठक में जयपुर डिस्काॅम के निदेशक तकनीकी व वित, विद्युत प्रसारण निगम, विद्युत उत्पादन निगम, अक्षय ऊर्जा निगम, जयपुर डिस्काॅम, अजमेर डिस्काॅम व जोधपुर डिस्काॅम के अधिकारी उपस्थित रहे।

106 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button