राजस्थान मिशन-2030 के तहत कृषि विभाग की राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन नवाचारी किसानों ने दिये खेती किसानी की उन्नत तकनीकी के सुझाव

राजस्थान मिशन-2030 के तहत कृषि विभाग की राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन नवाचारी किसानों ने दिये खेती किसानी की उन्नत तकनीकी के सुझाव

जयपुर, 15 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की मंशा के तहत राज्य को वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने एवं विकास की गति को 10 गुना बढाने के लिए राजस्थान मिशन-2030 के अन्तर्गत ‘विजन-2030 दस्तावेज’ तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार इस महत्वपूर्ण मिशन में आमजन की सहभागिता बनाये रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी डॉ. पृथ्वी ने कहा कि 2030 तक देश में राज्य को कृषि क्षेत्र में सर्वोपरि बनाने के लिए विभाग एवं हितधारकों से सुझाव लिये गये है, जिससे कृषि, उद्यानिकी और विपणन विभाग की योजनाओं द्वारा अधिक से अधिक किसानों को फायदा मिल सकेगा और हमारा प्रदेश कृषि क्षेत्र में देश के सर्वोपरि राज्यों में होगा।
पंत कृषि भवन के सभा कक्ष में शुक्रवार को आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में विभाग के अधिकारियों, कार्मिकों, प्रगतिशील कृषकों, कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों, कृषि नीति से लाभान्वित कृषकों, आदान विक्रेताओं एवं अन्य हितधारकों नेे विचार विमर्श कर 2030 तक विकसित राजस्थान के लिए तैयार किये जाने वाले विजन डॉक्यूमेन्ट के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किये।
कार्यशाला में शासन सचिव ने कहा कि 2030 तक विकसित राजस्थान के लिए हमारे सुझाव कृषि, उद्यानिकी एवं विपणन विभाग की कार्य प्रणाली में सुधार लाने के साथ-साथ नियमों का सरलीकरण करते हुए अधिक से अधिक कृषकों को लाभ पहुंचाने के लिए केन्द्रित है, जिससे हमारे किसानों के उत्पादन में वृद्धि होगी और वें आर्थिक रूप से सुदृढ हो सकेंगे।
किसानों ने दिये सुझाव:-
कार्यशाला में सवाईमाधोपुर के प्रगतिशील किसान श्री कैलाश चंद मीणा ने नई तकनीकी का उन्नत बीज कृषकों को उपलब्ध कराये जाने और नदियों को नालों से जोडकार बांध बनाये जाने का सुझाव दिया।
जयपुर निवासी किसान श्री रामलाल दादरवाल ने जैविक खेती को बढावा देने के लिए जैविक दवाईयों पर सब्सिडी दिये जाने का सुझाव दिया, जिससे कृषक ज्यादा से ज्यादा जैविक दवाईयों का उपयोग कर सके।
कार्यशाला में मिले अन्य सुझाव:-
– बागवानी फसलों के लिए ट्रान्सपोर्टेशन की सुविधा उपलब्ध् कराई जाये।
– बागवानी कृषकों के लिए कीटनाशक व फर्टिलाइजर जीएसटी फ्री किया जाये।
– फसल बीमा का दायरा बढाया जाये।
– बागवानी कृषकों को प्रशिक्षण दिया जाये।
– ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन को माफ किया जाये।
– मिलेट्स को बढावा देने के लिए मिलेट्स प्रोडक्ट्स को जीएसटी फ्री किया जाये।
– वेस्ट वाटर को रिसाइक्लिंग कर लॉन व बगीचों में उपयोग किया जाये।

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