कुष्ठ रोगियों को किया गया कुष्ठ विकृति बचाओ एवं जल तेल उपचार पर जागरूक
कुष्ठ रोगियों को किया गया कुष्ठ विकृति बचाओ एवं जल तेल उपचार पर जागरूक
सीएचसी जौरा में लगाया स्वास्थ्य अभ्यास शिविर
मुरैना 15 सितम्बर 2023/मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राकेश शर्मा के आदेशानुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जौरा में स्वास्थ्य अभ्यास शिविर का आयोजन किया गया।शिविर के दौरान कुष्ठ विकृति बचाओ एवं जल तेल उपचार के प्रति कुष्ठ रोगियों को जागरूक किया। शिविर में मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र सिंह सैमिल,बीपीएम श्री महेंद्र पाल सिंह, एनएमए श्री महाराज सिंह,श्री कमलेश कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक श्री रणवीर गोयल,आईसीटीसी के परामर्शदाता संदीप सेंगर उपस्थित थे।
शिविर में उपस्थित जनसमुदाय एवं कुष्ठ रोगियों को संबोधित करते हुए डॉ. सैमिल ने कहा कि कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिये हम सब को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। कुष्ठ आसानी से पहचाने जाने एवं ठीक होने वाली बीमारी है,समाज के अंदर फैली भ्रांतियों को समझने की जरूरत है। डॉ. सेमिल ने कहा कि बहुत सारे लोग कुष्ठ रोग को देवी-देवताओं का प्रकोप, श्राप मानते हुए, उसका ईलाज नहीं कराते हैं। कुष्ठ रोगियों से भेदभाव, छुआछूत जैसी भावनाएं रखते हुए, उनका समाज से तिरस्कार करते हैं। इन भ्रांतियों से हम सबको दूर रहने की आवश्यकता है। इन भ्रांतियों को समाज से समाप्त करने की जरूरत है। कुष्ठ एक साधारण बीमारी है, जिसका इलाज संभव है। प्रत्येक शासकीय स्वास्थ्य केंद्र पर इसका उपचार निःशुल्क किया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को समय-समय पर सीएचसी आकर अपनी जांच नियमित कराते रहना चाहिए, उपचार के लिये दी गई एमटीडी की दवाइयों को नियमित लेते रहना चाहिए। साथ ही जल तेल उपचार भी प्रतिदिन नियमित करते रहना चाहिए, जिससे विकृति से बचाव हो सके।
कमलेश श्रीवास्तव ने कहाकि अगर किसी व्यक्ति के शरीर के रंग में हल्के फीके के दाग, धब्बे जिन में सुन्नपन हो, हाथ पैरों में झुनझुनाहट, चेहरे पर तेलिया, तामिया चमक तथा शरीर में गठान हो तो वह व्यक्ति कुष्ट का संभावित हो सकता है। ऐसे व्यक्ति अगर हमें कहीं दिखाई देते हैं तो उन्हें उपचार के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अवश्य भेजें।