केरल में कांग्रेस और माकपा के बीच वर्चस्व की जंग, चरित्र हनन तक पहुंची लड़ाई

केरल में कांग्रेस और माकपा के बीच वर्चस्व की जंग, चरित्र हनन तक पहुंची लड़ाई

26 अप्रैल को केरल की 20 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि राज्य की सत्ता पर माकपा का कब्जा है। इस चुनाव में दोनों ही दलों के बीच वर्चस्व की जंग है। राहुल गांधी जहां केरल के घोटालों का जिक्र करते हैं तो वहीं पी. विजयन ने गांधी परिवार पर हमला बोल दिया है।

केरल में माकपा और कांग्रेस के बीच लड़ाई चरित्र हनन तक पहुंच गई है। केरल में वडाकारा लोकसभा क्षेत्र से माकपा की प्रत्याशी केके शैलजा का एक मार्फ्ड (बदला गया) फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ। माकपा ने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन के बीच एक-दूसरे के खिलाफ व्यक्तिगत हमलों का दौर शुरू हो गया है. राहुल गांधी सीधे तौर पर केरल में हुए घोटाले का आरोप लगा रहे हैं और उनके खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई नहीं होने को भाजपा और माकपा के बीच दोस्ती के सुबूत के रूप में पेश कर रहे हैं।

विजयन ने आपातकाल के दौरान अपनी गिरफ्तारी का हवाला देते हुए गांधी परिवार पर हमला बोल दिया है. केंद्र के साथ-साथ तमिलनाडु, त्रिपुरा, बिहार जैसे राज्यों में आईएनडीआईए में एक साथ चुनाव लड़ रहे माकपा और कांग्रेस के बीच केरल में वर्चस्व की जबरदस्त लड़ाई है। केरल सिर्फ एक ऐसा राज्य बचा है, जहां माकपा और कांग्रेस दोनों मजबूत स्थिति में हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ 2019 में 20 में से 19 लोकसभा सीटें जीतने में सफल रहा था।

अकेले कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थीं, जो पूरे देश में किसी भी राज्य में कांग्रेस को मिली सबसे अधिक सीटें हैं। बंगाल और त्रिपुरा में हाशिये पर जाने के बाद केरल माकपा का एकमात्र बचा किला है और लगातार दो बार विधानसभा चुनाव जीतकर वह सत्ता में है. जाहिर है माकपा के लिए यह भारतीय राजनीति में अस्तित्व बचाए रखने की लड़ाई है। यही कारण है कि माकपा ने इस बार अपने दिग्गज नेताओं को मैदान में उतार दिया है। माकपा ने कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ पूर्व सचिव पन्नयन रविंद्रन और एंटोनी एंटनी के खिलाफ दो बार वित्तमंत्री रह चुके थामस इसाक को मैदान में उतारा है।

वडाकारा से ‘टीचर अम्मा’

वायनाड से राहुल गांधी के खिलाफ भाकपा महासचिव डी. राजा की पत्नी एनी राजा लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की उम्मीदवार हैं। कोरोना काल में बेहतरीन काम के लिए देशभर में प्रसिद्ध हुई पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा वडाकारा से मैदान में हैं। अपने इलाके में “टीचर अम्मा” के रूप में प्रसिद्ध शैलजा को मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। केरल के राजनीतिक विश्लेषक माकपा और कांग्रेस के बीच व्यक्तिगत चरित्र हनन तक लड़ाई के पहुंचने के पीछे सत्ता विरोधी रुख को कमजोर करने की रणनीति के रूप में भी देख रहे हैं। पिछले आठ वर्षों से सत्तारूढ़ एलडीएफ गठबंधन और मुख्यमंत्री विजयन के खिलाफ नाराजगी जनता के बीच साफ देखी जा सकती है।

कांग्रेस के आरोप और माकपा का जवाब

व्यक्तिगत आरोपों-प्रत्यारोपों के अलावा मुस्लिम और ईसाई बहुल केरल में कांग्रेस और माकपा, भाजपा को एक बड़े खतरे के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी ने जहां आम आदमी पार्टी (आप) मुखिया अरविंद केजरीवाल और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रमुख नेता हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए विजयन के खिलाफ ईडी की ऐसी कार्रवाई नहीं होने को भाजपा और सीपीएम के बीच साठगांठ के सुबूत के रूप में पेश किया। पलटवार करते हुए माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कांग्रेस के सांसदों, विधायकों व वरिष्ठ नेताओं के भाजपा में शामिल होने का हवाला दिया। येचुरी के अनुसार सिर्फ माकपा के ही सांसद ऐसे हैं, जिनके भाजपा में जाने की संभावना नगण्य है।

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