राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 76वीं पुण्यतिथि कचहरी घाट बाॅस दरवाजे स्थित प्रतिमा पर मनाई गयी
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 76वीं पुण्यतिथि कचहरी घाट बाॅस दरवाजे स्थित प्रतिमा पर मनाई गयी
सर्वप्रथम स्वच्छ जल से प्रतिमा को स्नान कराया। उसके उपरान्त माल्यार्पण कर चरणों में फूल चढायें व रघुपति राघव राजा राम धुन गायी तथा अहिंसा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने महात्मा गांधी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गान्धी जी दोनों हाथों से लिख सकते थे।
1915 में भारत वापसी से 1948 तक जीवन के अंत तक गांधीजी ने 2100 से अधिक दिन देश की आजादी के लिए कारावास मे बिताए। उनके ऊपर आठ बार हमले कर हत्या के प्रयास हुऐ। 30 जनवरी 1948 को प्रर्थना सभा में जाते हुऐ प्राणघातक हमले में अहिंसा का पुजारी सादा के लिए चिरनिंद्रा में सोह गया।
श्रद्धांजलि व वक्ताओं में मौजूद रहे चौधरी सचिन यादव (कांग्रेस सेवा दल अध्यक्ष),अश्वनी जैन (पूर्व अध्यक्ष शहर काग्रेस कमेटी), अनुज शिवहरे (जिला प्रवक्ता), पंडित नरेन्द शर्मा, योगेश पाराशर, विजय शुक्ला, पियूष बंसल, दिव्याषं गोयल, राम अवतार गुप्ता जी, नवीन गुप्ता, जितेन्द्र अग्रवाल, आर. वी. धाकरे आदि।