सवाल – मध्‍य प्रदेश के हनी ट्रेप की फाईल फिर खुल सकती है; आखिरकार किसके नाम होंगे उजागर, क्‍या हो सकता है राजनीति नुकशान

सवाल – मध्‍य प्रदेश के हनी ट्रेप की फाईल फिर खुल सकती है; आखिरकार किसके नाम होंगे उजागर, क्‍या हो सकता है राजनीति नुकशान

भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत में बीते चार साल पहले जिस हनी टे्प कांड ने तहलका मचा दिया था क्‍या उसकी फाईल फिर खोली जा सकती है। चर्चा कुछ इसी तरह की है। सवाल यह है कि आखिरकार यदि फाईल खुलती है तो किसको फायदा होगा और किसका नुकशान हो सकता है।

इसको एक बार फिर से राजनीतिक एंगल से जोडकर भी देखा जा रहा है क्‍योंकि दो माह बाद ही लोकसभा चुनाव होना है। बता दें कि चार साल पहले यह कांड तब उजागर हुआ था जब प्रदेश में कमलनाथ की सरकार थी।

हनी ट्रेप के फिर से चर्चाओं में आने की बडी वजह यह है कि इस बार प्रदेश की मोहन सरकार ने एसआईटी चीफ के रूप में एडीजी इंटेलिजेंस रहे आदर्श कटियार को नियुक्त किया है। आदर्श कटियार साफ-सुथरी छवि के अधिकारी माने जाते हैं।

ये भी कहा जाता है कि वे किसी के दबाव-प्रभाव में नहीं आते। एसआईटी की कमान संभालने के बाद कटियार का पहला टेस्ट 29 जनवरी को इंदौर कोर्ट में होगा। इस दिन हनी ट्रैप मामले की सुनवाई होना बताई जा रही है।

चार साल पहले हुआ था मामला – बता दें कि चर्चित कांड हनी ट्रैप मामले का खुलासा सितंबर 2019 को तब हुआ था, जब प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार थी। तब इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन ने पलासिया थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि अश्लील वीडियो भेजकर उनसे 3 करोड़ रुपए मांगे जा रहे हैं।

कोर्ट में पुलिस के रूख से जाहिर होगा मामला –
इस माह की आखिर में यानि कि 29 जनवरी को कोर्ट में पुलिस के रूख्‍ से ही जाहिर होगा कि अब आगे क्‍या हो सकता है। संभावना जताई जा रही है कि संभव हो कि ब्‍यूरोके्रटस के कुछ नाम सामने आ सकते हैं। यदि प‍ालिटिशियन के नाम सामने आयेंगे तो तय है कि प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से भूचाल आयेगा।

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