सियासी कसावट – नाथ के सामने बंटी तो शिवराज के सामने राजकुमार लडेंगे चुनाव

सियासी कसावट – नाथ के सामने बंटी तो शिवराज के सामने राजकुमार लडेंगे चुनाव

इस बार का चुनाव बहुत जोर जबरदस्‍त होने के आसार दिख्‍ रहे हैं
भोपाल । मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव इस बार ज्‍यादा रोमांचक होने की संभावना है। उसके संकेत अभी से दिख्‍ रहा है।ये सीटें सामान्‍य नहीं बल्कि हाई प्रोफाइल सीटें हैं, जिन पर कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार पहले से तय हैं। कहा तो यही जाता है कि इन सीटों पर जो भी इनके खिलाफ लड़ता है उसका हारना तय होता है। इसके बावजूद पार्टियां अपने कद्दावर उम्मीदवार को वहां से उतारती हैं। बाहरी कद्दावर नेता चुनाव हार जाता है और कोई फायदा नहीं होता। यही कारण है कि इस बार भाजपा और कांग्रेस नई रणनीति बनाते नजर आ रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक इस बार हाई प्रोफाइल सीटों पर स्थानीय प्रत्याशी को उतारा जाने की योजना है । यही कारण है कि कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में बीजेपी अपने स्थानीय नेता विवेक साहू (बंटी) को उतार सकती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने कांग्रेस किसी बड़े नेता को उतारने के बजाय स्थानीय राजकुमार पटेल या महेश राजपूत को उम्मीदवार घोषित करने की तैयारी कर चुकी है। इन दो सीटों के अलावा नगरीय विकास व आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह व पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह की घेराबंदी करने के लिए लोकल नेता पर ही दांव लगाया जा रहा है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के खिलाफ राऊ से बीजेपी ने मधु वर्मा को ही टिकट दिया है।स्‍थानीय उम्मीदवार की रणनीति के बाद भी भूपेंद्र सिंह के खिलाफ कांग्रेस को कोई तगड़ा उम्मीदवार नहीं मिला है, इसलिए माना जा रहा है कि इस सीट पर किसी बाहरी नेता को ही चुनाव लडाया जा सकता है।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन वे भी सीएम शिवराज सिंह चौहान के गढ़ को हिला नहीं पाए। अरुण यादव को इस सीट पर उतारने का प्रमुख कारण यह था कि यहां यादव वोटर्स की संख्या अधिक है। कांग्रेस का मानना था कि यादव वोट शिवराज को मिलते हैं, इसलिए कांग्रेस ने यादव टाइटल वाले अरुण यादव पर दांव खेला। इन सब बातों के अलावा गौर करने वाली बात यह रही कि सीएम शिवराज खुद बुधनी में प्रचार करने ही नहीं गए बावजूद इसके 59 हजार वोटों से जीत गए।ऐसे ही इस बार कांग्रेस स्थानीय नेता राजकुमार पटेल को अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है। पार्टी का मानना है कि यहां से दो बार विधानसभा चुनाव जीतने वाले पटेल इस क्षेत्र से अच्छे से जुड़े हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी बुधनी से पटेल को टिकट देने के पक्ष में हैं।

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