ना आरक्षण और ना राजनीति में हिस्सेदारी…! क्या राजनीति में हाशिए पर नज़र आ रहा मुस्लिम समाज…?

ना आरक्षण और ना राजनीति में हिस्सेदारी...! क्या राजनीति में हाशिए पर नज़र आ रहा मुस्लिम समाज...?

अल्पसंख्यक विकास कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष रियाजुद्दीन शेख समाज को सीखा रहे संगठित राजनीति

बाबा साहेब ने कहा था सामाजिक न्याय के लक्ष्य को पाने के बाद ही आर्थिक व राजनीतिक मुद्दों को करें हल

अल्पसंख्यक समाज अपनी काबिलियत को इतना मजबूत कर ले की अपने दम पर करवा सके अपने कार्य

विधायक के वार्ड से निर्दलीय जीत कर दिखाया समाज संगठन का पावर

अपने दम पर कलेक्टर एसपी के सामने अपने समाज के मुद्दो को मुखरता से उठाते है रियाज़ शेख
पत्रकार सलमान शाह
खरगोन निप्रा। स्वतंत्रता के बाद से ही अल्पसंख्यक समुदाय का राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक विकास एसटी एससी समाज से भी ज्यादा दयनीय स्थिति में रहा है। अल्पसंख्यक समुदाय का राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक विकास नहीं होना, इसके लिए उनके ही समाज के नेता जिम्मेदार है। क्योंकि डॉ. भीमराव अंबेडकर का कहना है सामाजिक न्याय के लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद ही आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों को हल कर सकते है। लेकिन स्वतंत्रता के बाद से ही अल्पसंख्यक नेता राजनीति में तो कूद गए लेकिन सामाजिक न्याय के लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत ही पिछड़े हुए रहे हैं । उन्होंने कभी भी अपने अल्पसंख्यक समाज के भविष्य के बारे में नहीं सोचा जो आगे चलकर अल्पसंख्यक समाज का सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक स्तर क्या होगा। वर्तमान में हमारे देश में अल्पसंख्यक समाज का सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक स्तर किसी से छुपा नहीं है। मानो अब तो अल्पसंख्यक समाज का हर राजनीतिक पार्टी, शोषण ही कर रही है। चाहे उनका थोकबंद वोट मिलते रहे बावजूद इसके अल्पसंख्यक समाज की जिम्मेदारी उठाने को कोई पार्टी तैयार ही नहीं है। अगर उस समय अल्पसंख्यक नेता समाज को संगठित करके अपने समाज की संख्या के आधार पर राजनीति मे हिस्सेदारी की बात करते तो आज समाज की दशा कहीं और ही होती। लेकिन देर आए दुरुस्त आए की कहावत आपने सुनी होगी अब अल्पसंख्यक समाज सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को समझने लगा है। अपने हक की आवाज उठाने लगा है फिर चाहे वह अपनी स्वयं की राजनीतिक पार्टी बनाकर करें या सामाजिक संगठन बनाकर दोनों ही एतबार से अपने समाज को हक दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा है। अल्पसंख्यक समाज का सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक विकास करना है तो सबसे प्रथम तो समाज को संगठित होकर अपने हक को राजनीतिक पार्टियों से लेना होगा।
गौरतलब है की समाज के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को लेकर समाज को क्षेत्रीय विधायक के माध्यम से आवेदन निवेदन करने के उपरांत अपनी मांग को शासन प्रशासन तक पहुंचाने का अनुरोध किया जाता था लेकिन अब अल्पसंख्यक विकास कमेटी के माध्यम से खरगोन के शिक्षित समाजसेवी एवं राजनीतिक कर्मठता रखने वाले रियाजुद्दीन शेख और उनकी टीम समाज को संगठित राजनीति की ओर मोड़ रहे हैं। देखने में आ रहा है कि उनके अल्पसंख्यक विकास कमेटी प्रदेश स्तरीय संगठन के माध्यम से उन्होंने प्रदेश भर के जिलों में अपनी कमेटीया गठित कर समाज को संगठित किया है। उनकी इस मेहनत से ही समाज का संगठित वर्चस्व राजनीतिक पार्टियों को नजर आने लगा है। अल्पसंख्यक विकास कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष का मानना है कि अल्पसंख्यक समाज अपनी काबिलियत को इतना मजबूत कर ले की अपने संगठन के दम पर अपने समाज के विकास कार्य करवा सकें।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में श्री शेख खरगोन जिले के जिला सदर के पद पर है। श्री शेख द्वारा ही जिले भर के तहसीलों के सदरो को जोड़कर मुस्लिम संगठन बनाकर पूरे जिले के मुस्लिम समाज को एक जाजम पर लेकर आए ताकि शिक्षित लोगो के साथ संगठित होकर अपने समाज के लिए कुछ खास किया जा सके।
ज्ञात रहे की श्री शेख कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव के समय से अपने समाज के मुद्दो को ज्ञापनों के माध्यम से उठाते रहे हैं। राजनीतिक तजुर्बा होने के साथ-साथ ही यह अच्छे से जानते हैं कि शासन प्रशासन और राजनीतिक पार्टियों से किस तरह समाज के कार्य करवाने के लिए प्लान किया जा सके, क्योंकि उनको यह मालूम है कि शासन प्रशासन और राजनीतिक पार्टियां सिर्फ और सिर्फ समाज के संगठित होने से ही समाज के विकास कार्य करते है। अन्यथा बिना संगठित कोई औचित्य ही नहीं रहता है।
ये भी उल्लेखनीय भारत में जाति आधारित असमानता अभी भी कायम है, जबकि दलितों ने आरक्षण के माध्यम से एक राजनीतिक पहचान हासिल कर ली है और अपने स्वयं के राजनीतिक दलों का गठन किया है, किंतु सामाजिक आयामों (स्वास्थ्य और शिक्षा) तथा आर्थिक आयामों का अभी भी अभाव है। हमें अपने भीतर अंबेडकर की भावना को खोजने की ज़रूरत है, ताकि हम इन चुनौतियों से खुद को बाहर निकाल सकें।

रियाजुद्दीन शेख के प्रयासों से पहली बार हो रहा है वार्ड में चहुंमुखी विकास
खरगोन शहर के वार्ड 12 में रियाजुद्दीन शेख के अथक प्रयासों से लाखों रुपये की लागत से आज एक ओर मुख्य सड़क का कार्य शुरू किया रहवासियों ने शेख का आभार मानकर पुष्पमालाओ से किया स्वागत । खरगोन जिले में कई राजनीतिक सामजिक हस्तियों को जन्म दिया है जिन्होंने देश मे अपना ओर निमाड़ का नाम रोशन किया है। लेकिन एक ऐसा मुस्लिम नेता रियाजुद्दीन शेख ऐसी शख्सियत है जिन्होंने अपने पिता पूर्व पार्षद इकरामुद्दीन शेख को आईडीयल मानते हुए उनके पदचिन्हों पर चलने का फैसला लिया ओर निरंतर कई सालों से राजनीतिक और समाज हितों में बड़ी बेबाग़, दबंग तरीको के साथ काम कर निरंतर आगे बड़ रहे हैं।
रियाजुद्दीन शेख का अंदाज़ ही उन्हें राजनीतिक भीड़ में पूरे मध्यप्रदेश में सबसे अलग पहचान के साथ खड़ा करता है रियाजुद्दीन शेख के समर्थक सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारी तादाद में है जो सिर्फ शेख को अपना नेता मानते हैं। शेख कोई काम को छोटा नही मानते बल्कि उन्हें अहमियत देकर पूरी सिद्दत से करते हैं यही कारण है अल्पसंख्यक विकास कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष, जमीअत उलेमा के प्रदेश उपाध्यक्ष, एव मुस्लिम समाज के जिला सदर होने के साथ ही उन्होंने विधायक के वार्ड से नगरपालिका चुनाव में निर्दलीय उतर कर भारी मतों चुनाव जीता ओर बताया जनता के काम कैसे कराए जाते हैं उसका लोहा भी मनवाया जिसको लेकर कलेक्टर शिवराज वर्मा ने बेस्ट वार्ड लिडर का खिताब से सम्मानित भी किया।
वार्ड 12 का मुख्य सड़क कार्य रियाज़ शेख ने उनके चाचा हाजी कमरुद्दीन शेख से शुरू करवाया
इस अवसर पर हाजी कमरुद्दीन ने बताया प्रदेश व जिला सदर की बड़ी जिम्मेदारीयो के बावजुद वे अपने वार्ड स्तर का काम भी बखूबी निभा रहे हैं जनता से लगातार जीवत संपर्क रहता है उनके क्षेत्र के किसी व्यक्ति को नगर पालिका कार्यालय तक जाने की जरूरत नहीं पड़ती उनके हर काम को घर बैठे करवाने की व्यवस्था की है, कई चुनाव में अपनी भूमिका अदा करने वाले 75 वर्षीय वरिष्ठ शकील इत्रवालो बताया इतने कम समय मे करोड़ो के विकास कार्य करवाए है जो आज़ादी के बाद से आज तक नही हुए पार्क, चौपाटी मार्केट, चारों ओर सड़कों का जाल , पानी के लिए ट्यूबवेल टँकीया, गलीगली में प्रकाश व्यवस्था, रियाज़ के कार्यो से अचम्भित ओर अभी चार साल का कार्यकाल बाकी है ।
बहरहाल… राजनीति में मुस्लिम समाज हाशिए पर नज़र आ रहा है। मुस्लिम समाज को ना आरक्षण का लाभ मिल रहा है और ना ही राजनीति में हिस्सेदारी…! लेकिन अब प्रदेश भर में अल्पसंख्यक विकास कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष रियाजुद्दीन शेख़ कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं। भोपाल से लेकर दिल्ली तक अपनी खासी पकड़ रखते हैं बावजूद इसके पार्टी में समाज को पिछड़ता देख अल्पसंख्यक विकास कमेटी के माध्यम से अब समाज को नई संगठित राजनीति की ओर मोड़कर सेक्यूलर पार्टियों को समाज के वजूद से रूबरू करवा रहे हैं, ताकि पार्टियों को एहसास हो जाए की अगर अल्पसंख्यक समाज साथ ना हो तो आपकी पार्टी की कोई वैल्यू नहीं है।

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