रेल बोर्ड द्वारा जारी जनविरोधी नीति पर पत्रकारों का विरोध, केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को सौंपा ज्ञापन, पूर्ववत व्यवस्था लागू करने की मांग।।
रेल बोर्ड द्वारा जारी जनविरोधी नीति पर पत्रकारों का विरोध, केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को सौंपा ज्ञापन, पूर्ववत व्यवस्था लागू करने की मांग।।

“मझोले व छोटे समाचार पत्र के लाखों-करोड़ों पत्रकारों के सामने संकट, जाहिर की चिंता”
प्रयागराज। रेल बोर्ड द्वारा जारी जनविरोधी नीति के कारण छोटे व मझौले समाचार पत्रों के करोड़ो पत्रकारों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि दिनांक 01 सितम्बर 2023 को रेल बोर्ड द्वारा जारी विज्ञापन नीति में पर्याप्त फेरबदल किया गया है । अभी तक रेल बोर्ड अपने जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से स्थानीय विज्ञापन एजेन्सियों से विज्ञापन की डिजाइन बनवाकर स्थानीय व बाहरी समाचार पत्रों में प्रकाशित कराता था। अवकाश के दिनों या कार्यालय समय के बाद भी तत्काल निविदाओं को समाचार पत्र में अनुरोध करके प्रकाशित कराता था। जिससे समय से व सुचारू रूप से कार्य चल रहा था। अचानक रेल बोर्ड द्वारा जारी विज्ञापन नीति में अब रेलवे के विज्ञापन डीएवीपी द्वारा प्रकाशित कराये जाने की बात की गई है। डीएवीपी वैसे ही छोटे एवम् मझोले अखबारों को विज्ञापन नहीं देता और तत्काल निर्देश भी दे दिया गया है। जो सभी रेलवे को प्राप्त हो गया है। उक्त निर्देश से स्थानीय मझोले व छोटे समाचार पत्र के लाखों-करोड़ों लोगों के सामने बेरोजगारी का संकट उत्पन्न हो जायेगा। जिससे बेरोजगारी की स्थिति और भी गंभीर हो जायेगी।
बता दें कि उक्त सन्दर्भ में कई छोटे समाचार पत्रों के संपादकों ने एवं पत्रकार बंधुओं ने चिंता जताते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री वाणिज्य एवम् उद्योग मंत्रालय अनुप्रिया पटेल को ज्ञापन सौंपा है। सम्बंधित मसले पर केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आश्वासन देते हुए कहा कि रेल मंत्री व प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्ताव रख पूर्ववत व्यवस्था लागू कराने की पुरजोर कोशिश की जायेगी। इस दौरान उत्तर प्रदेश पत्रकार कल्याण परिषद सचिव बलराम शुक्ल, प्रवक्ता अरुण सोनकर, उपाध्यक्ष अनुपम शुक्ला, महा मंत्री राकेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार अनुराग तिवारी, धर्मेन्द्र आदि दर्जनों पत्रकार बंधु मौजूद रहे।