महाकालेश्वर मंदिर में होली के दिन भड़की आग एक हादसा है या साजिश, जांच एजेंसी तीन दिन में खोलेगी राज
महाकालेश्वर मंदिर में होली के दिन भड़की आग एक हादसा है या साजिश, जांच एजेंसी तीन दिन में खोलेगी राज
उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार “25 मार्च” सुबह बड़ा हादसा हो गया, यहां होली के पर्व पर हो रही भस्म आरती के दौरान गुलाल उड़ाने से गर्भगृह में आग फैल गई और इस घटना में पुजारी और सेवक समेत 14 लोग झुलस गए। सभी घायलों को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। आगजनी के दौरान आग भस्मारती के मुख्य पुजारी संजय गुरु, विकास पुजारी, अंश पुरोहित, सेवक महेश शर्मा, चिंतामन गेहलोत, कमल जोशी, सत्यनारायण सोनी, रमेश, शुभम, विकास, मनोज शर्मा, सोनू राठौर, राजकुमार बैस, मंगल सहित अन्य सेवक व पुजारी झुलस गए।
हादसे को लेकर अलग-अलग जानकारी मिल रही है। कोई बता रहा है कि आग गुलाल फेंके जाने से लगी तो किसी का कहना है कि घटना के समय रंग गुलाल के स्प्रे भी चलाए गए थे, वही अधिकारियों का कहना है कि आग उस समय लगी जब गुलाल पूजा की थाली पर गिर गया, जिसमें जलता हुआ कपूर था। बाद में यह फर्श पर फैल गया और आग में बदल गया। बाबा महाकाल के गर्भगृह में हुई इस घटना के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव तक इस घटना को लेकर चिंतित नजर आए।
ज्ञात सूत्रों के मुताबिक सीएम यादव के बेटे और बेटी भी भस्म आरती के दौरान मंदिर में मौजूद थे , लेकिन दोनों सुरक्षित है। वही उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि भस्म आरती के दौरान गुलाल का भी प्रयोग किया जाता है, भस्म आरती के दौरान गर्भ गृह के अंदर कपूर की आग भभक गई थी, जिसे अंदर मौजूद 14 पुजारी झुलस गए हैं। उन्होंने कहा कि घायलों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है, सूचना के अनुसार किसी को ज्यादा गहरे घाव नहीं हैं। सभी स्टेबल हैं और डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही सीएम मोहन लाल उज्जैन पहुंचे और मीडिया से बात की उन्होंने कहा कि यह बात पक्की नहीं है कि क्या आग आरती की थाली पर गुलाल फेंकने से गिरने के बाद लगी या फिर गुलाल ने किसी रसायन के साथ प्रतिक्रिया के कारण लगी। वही सीएम ने कहा कि हादसे में मौजूद घायलों को एक-एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी और साथ ही उनका सबसे अच्छा इलाज मुफ्त में किया जाएगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा कि ऐसी घटना दोबारा न हो।
वही इस घटना को लेकर उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि यह घटना क्यों हुई और कैसे हुई, इन सभी बिंदुओं पर एक कमेटी से जांच कराई जाएगी। जांच का संचालन जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीना और अपर कलेक्टर अनुकूल जैन करेंगे और तीन दिन में रिपोर्ट सौंपी जाएगी। तीन दिन बाद जब वे इस रिपोर्ट को सौंपेंगे तो बाबा महाकाल के गर्भगृह में लगी आग का राज पर से पर्दा जरूर हट जाएगा। साथ ही पूजा के दौरान इस्तेमाल की गई सामग्री और गुलाल के नमूने ले लिए गए हैं।