मॉरीशस की जमीन पर भारत ने बनाया विदेशी सैन्य अड्‌डा? सैटेलाइट तस्वीरों ने चौंकाया

पोर्ट लुइस
 हिंद महासागर में स्थित अगलेगा द्वीप की हाल की सैटेलाइट तस्वीरों ने सबको चौंका दिया है। अगलेगा मॉरीशस का एक द्वीप है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि अगलेगा द्वीप पर 3 किलोमीटर से लंबी हवाई पट्टी का काम पूरा हो चुका है। इसने बड़े रनवे पर किसी भारी-भरकम हवाई जहाज को आसानी से उतारा और उड़ाया जा सकता है। इसके अलावा रनवे के आसपास के इलाकों में कई बुनियादी ढांचों का भी निर्माण किया गया है, जिसमें एक बड़ा हैंगर और दूसरी इमारतें शामिल हैं। इसके साथ ही द्वीप के एक सिरे पर गहरे पानी का बंदरगाह पर बनकर तैयार है। इस बंदरगाह पर बड़े जहाजों जैसे युद्धपोतों को आसानी से डॉक किया जा सकता है। अगलेगा द्वीप मॉरीशस के मुख्य द्वीप से लगभग 1100 किमी दूर स्थित है। यह दो द्वीपों का समूह है। अगलेगा द्वीप पर लगभग 300 लोग रहते हैं। इनका मुख्य व्यवसाय मछली पकड़ना और नारियल की खेती करना है।

अगलेगा भारत का विदेशी सैन्य अड्डा?

कई सैन्य विशेषज्ञों का दावा है कि मॉरीशस के अगलेगा द्वीप पर भारत का विदेशी सैन्य अड्डा है। इस द्वीप पर हवाई पट्टी और बंदरगाह भारत ने बनाए हैं। हालांकि,भारत की तरफ से इन दावों को न तो स्वीकार किया गया है और ना ही खारिज। हिंद महासागर में स्थित मॉरीशस छोटे-बड़े सैकड़ों द्वीपों से मिलकर बना है। मॉरीशस की रणनीतिक उपस्थिति काफी अहम है। इस इलाके से हर साल खरबों डॉलर का समुद्री व्यापार होता है। इतना ही नहीं, हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति के खिलाफ भारत की समुद्री सुरक्षा में मॉरीशस का यह द्वीप बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस देश के पास ही रेयूनियों द्वीप है, जिसपर फ्रांस का कब्जा है। फ्रांस ने इस द्वीप पर बड़ा मिलिट्री बेस बनाया हुआ है। इसके दूसरी तरफ डिएगो गार्सिया है, जहां अमेरिकी और ब्रिटिश मिलिट्री का बेस है।

सैटेलाइट तस्वीरों में क्या नजर आया

एक ओपन सोर्स इंटेलिजेंस ने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर बताया है कि मॉरीशस के अगालेगा द्वीप पर सैन्य अड्डा अब पूरा हो गया है। इसमें एक गहरे समुद्र का बंदरगाह है जो विध्वंसक और युद्धपोतों की मेजबानी करने में सक्षम है। इसका रनवे 3 किलोमीटर लंबा है, जो लड़ाकू विमान और पी-8आई नौसैनिक निगरानी विमान को संचालित करने में सक्षम है। इसके अलावा रनवे के किनारे एक बड़ा हैंगर बनाया गया है, जिसमें विमानों के अलावा ड्रोन को भी आसानी से पार्क किया जा सकता है। लॉजिस्टिक और अकोमोडेशन के लिए भी दो अलग-अलग बुनियादी ढांचों का निर्माण किया गया है। रनवे पर टैक्सी वे और एप्रन के चिन्ह साफ नजर आ रहे हैं। इसके साफ हो गया है कि यह एयरबेस अब ऑपरेशन के लिए पूरी तरह से तैयार है।

अगलेगा द्वीप से भारत को क्या फायदा

मॉरीशस के अगलेगा द्वीप पर रनवे के निर्माण से हिंद महासागर में भारत की मौजूदगी काफी मजबूत होगी। अगलेगा हिंद महासागर के महत्वपूर्ण समुद्री व्यापारिक मार्ग पर स्थित है। इस इलाके से हर साल बड़ी मात्रा में व्यापार होता है। इसके अलावा अगलेगा द्वीप से भारत के दक्षिणी इलाकों की भी निगरानी आसानी से की जा सकती है। चीन का एकमात्र विदेशी सैन्य अड्डा अफ्रीका के जिबूती में स्थित है। ऐसे में चीन को जिबूती तक जाने के लिए अगलेगा के करीब से गुजरना होगा। युद्ध काल में भारत इस द्वीप पर अपनी मौजूदगी का फायदा उठा सकता है। इससे दुश्मन के महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग को पलक झपकते ही बंद किया जा सकता है। इसके अलावा दुश्मन के हर हरकत पर यहां से नजर रखी जा सकती है।

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