जन आशीर्वाद यात्रा पर पथराव को दिग्गी बोले मेरे पास पत्थर मिसाइल नहीं
जन आशीर्वाद यात्रा पर पथराव को दिग्गी बोले मेरे पास पत्थर मिसाइल नहीं

चुनावी समय में सियासत में जुबानी जंग लगातार जारी है
भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सनातन में कुरीतियों के विरुद्ध पहले भी आंदोलन हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के एक साल पूरे होने पर भोपाल में कांग्रेस की पदयात्रा में शामिल हुए। वे नेहरू नगर में आयोजित मटकी फोड़ महोत्सव में भी पहुंचे। इस कार्यक्रम में फिल्म अभिनेता गोविंदा और उनकी पत्नी सुनीता आहूजा ने भी शिरकत की।
गोविंदा के लिए दिग्विजय सिंह ने मंच से कहा- भोपाल शहर में गोविंदा आला रे…। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने भाजपा के आरोप पर कहा, ‘बात यह है कि मेरे पास कौन सी पत्थर मिसाइल है, जो भोपाल में बैठकर उनकी कारों का शीशा तोड़ दूं।’ बता दें, नीमच में भाजपा की जन आशीर्वाद पर पथराव हुआ है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा इस हमले के पीछे दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की साजिश बता चुके हैं।
दिग्विजय सिंह के बयान पर भाजपा के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने ट्वीट किया, ‘भूल गए क्या, जब आपके हिंदू विरोधी बयान के चलते एआईसीसी के सदस्य विश्वबंधु राय ने सोनिया गांधी से आपके हिंदू विरोधी बयानों पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन रोक नहीं लग सकी, क्योंकि कांग्रेस में जैसे नागनाथ, वैसे सांपनाथ। याद रखिए, सनातन विरोधी करतूतों के चलते घमंडिया गठबंधन तो औंधे मुंह गिरेगा ही, मध्यप्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा भी साफ होना तय है।’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सनातन धर्म अनादिकाल से चला आ रहा है। सनातन धर्म में जो भी कुरीतियां हैं, उन पर पहले भी आंदोलन हुए हैं। आर्य समाज क्या है? आर्य समाज इन्हीं कुरीतियों के खिलाफ एक आवाज थी। फिर भी किसी भी धर्म के खिलाफ किसी को सोच – विचार कर कहना चाहिए। उन्होंने (उदयनिधि स्टालिन) किस संदर्भ में कहा? मैं तमिल भाषी नहीं हूं। ज्यादा मैं इस बारे में नहीं कह सकता हूं।
मुद्दों से भटकाने बढ़ाया इंडिया-भारत के नाम का विवाद
इंडिया और भारत नाम के विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भारत का संविधान कहता है- ‘इंडिया दैट इस भारत।’ अगर इंग्लिश में कहोगे तो प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया, हिंदी में कहोगे तो भारत के राष्ट्रपति। प्रधानमंत्री को अंग्रेजी में प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया कहोगे, हिंदी में भारत के प्रधानमंत्री कहोगे। ये तो सिर्फ अनुवाद की बात है, अनुवाद में यह राजनीति लाना चाहते हैं। ये देश का ध्यान महंगाई और बेरोजगारी से भटकाने के लिए ऐसे नए-नए शिगूफे छोड़ते हैं।
भारत जोड़ो यात्रा के एक साल पूरे होने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘लोगों में सामाजिक – धार्मिक रूप से जो नफरत फैली हुई थी, उसमें कमी आई है। लोगों ने इस बात को स्वीकार किया है कि करोड़ों लोग इस यात्रा से जुड़े। देश के अधिकांश लोग देश को एक रखना चाहते हैं। मिल-जुलकर रहना चाहते हैं। प्रेम – सद्भाव के साथ गांधी जी के रास्ते पर चलना चाहते हैं।’