Article 370: तो क्या जम्मू-कश्मीर में सही लोग नजरबंद थे..? कपिल सिब्बल की आपत्ति पर तुषार मेहता ने ली चुटकी

नई दिल्ली
 जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद की स्थिति बताते हुए गुरुवार को जब केंद्र सरकार की ओर से पैरोकारी कर रहे सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि 2019 में बंद और हड़ताल की अभी तक एक भी घटना नहीं हुई है, तभी 370 हटाने का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 370 हटाने के वक्त 5000 लोग नजरबंद किए गए थे और धारा 144 लागू थी, तो कोई बंद नहीं हो सकता।

क्या कहा सालिसिटर जनरल ने ?
कपिल सिब्बल की इस दलील पर मेहता ने हंसते हुए हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि मेरे मित्र कह रहे हैं कि लोग घरों में नजरबंद थे इसलिए कोई बंद नहीं है, तो क्या सही लोग घरों में नजरबंद थे। मेहता के मजाक पर सिब्बल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 5000 लोग नजरबंद थे इस तरह लोकतंत्र का मजाक नहीं उड़ाया जा सकता। वहां धारा 144 लागू थी इंटरनेट बंद था लोग अस्पताल आदि भी नहीं जा पा रहे थे।

सिब्बल ने कहा कि कोर्ट को केंद्र सरकार द्वारा 370 हटने के बाद की स्थिति के बारे में पेश किये गए आंकड़ों को रिकार्ड पर नहीं लेना चाहिए अन्यथा उन्हें भी अपना नंबर आने पर इन दलीलों का जवाब देने की अनुमति मिलनी चाहिए। उनकी आपत्तियों पर कोर्ट ने साफ किया कि मेहता सिर्फ कोर्ट द्वारा राज्य का दर्जा बहाल होने के बारे में पूछे गए रोडमैप को बता रहे हैं। जिसमें अगस्त 2019 के बाद की स्थिति बताई गई है। इन चीजों का सुप्रीम कोर्ट में लंबित संवैधानिक प्रश्न से कोई लेना देना नहीं है।

मेहता ने कोर्ट से जताई सहमति
मेहता ने भी कोर्ट से सहमति जताते हुए कहा कि लंबित संवैधानिक सवाल के संदर्भ में वे ये सब नहीं बता रहे। वह तो सिर्फ कोर्ट को वहां की मौजूदा स्थिति बता रहे हैं। लेकिन सिब्बल ने कहा कि समस्या की बात ये है कि ये सारी बातें टीवी पर प्रसारित हो रही हैं। सारी चीजें रिकार्ड पर आ रही हैं। लोग समझते हैं कि सरकार ने बहुत अच्छा किया है। ये समस्या पैदा करता है। मेहता ने कहा कि प्रगति कभी समस्या नहीं पैदा करती। मामले में आजकल अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन करने वालों और केंद्र सरकार की ओर से बहस की जा रही है।

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