CAA पर विपक्ष के पलटवार के साथ इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जानिए पूरा मामला
CAA पर विपक्ष के पलटवार के साथ इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जानिए पूरा मामला
“आईयूएलएम” यह भारत का एक राजनैतिक दल है। इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), सामान्य तौर पर मुस्लिम लीग नाम से मशहूर, भारत की एक राजनैतिक पार्टी है जिसे भारतीय चुनाव आयोग ने केरल राज्य के दल के रूप में मान्यता दे रखी है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने नए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियम 2024 पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर दी है। याचिका में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 और नागरिकता संशोधन नियम 2024 के विवादित प्रावधानों के निरंतर संचालन पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस प्रावधान से केवल कुछ धर्मों को फायदा होगा।
केंद्र सरकार द्वारा सोमवार, 11 मार्च भारत की नागरिकता पाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। देश में ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ (सीएए) के नियम लागू हो गए हैं। केंद्र सरकार ने सोमवार शाम को नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इसके लिए पोर्टल भी तैयार कर लिया गया है, जिसके जरिए गैर मुस्लिम प्रवासी समुदाय के लोग नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है।
बहुत बार हुआ प्रयास अब सफल साबित हुआ, 2019 के नियमों को तैयार करने के लिए लोकसभा में अधीनस्थ कानून पर संसदीय समिति की तरफ से एक और विस्तार मिला था। नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों के तहत भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश, जिनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान शामिल हैं, से आए गैर मुस्लिम प्रवासी लोगों के लिए भारत की नागरिकता लेने के नियम आसान हो जाएंगे। इन छह समुदायों में हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी, शामिल हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था। एक दिन बाद ही इस विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी। सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी। सीएए नियमों के तहत ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन मांगे जाएंगे। इस प्रक्रिया का काम पूरा हो चुका है।
इसी कानून को लागू करने पर एक तरफ तो सभी राजनीतिक पार्टियां बीजेपी पर निशाना साध रही है, वही दूसरी तरफ इस कानून को धर्मों को फायदा होगा ऐसा कहकर आईयूएलएम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर कर दी, बड़ा सवाल यह हैं कि क्या यह कदम बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव में कोई अटकने पैदा के सकता है या नहीं?