प्रधानमंत्री ने ‘विकसित भारत, विकसित राजस्थान’ कार्यक्रम को संबोधित किया
प्रधानमंत्री ने 'विकसित भारत, विकसित राजस्थान' कार्यक्रम को संबोधित किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘विकसित भारत विकसित राजस्थान’ कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने 17,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं सड़क, रेल, सौर ऊर्जा, विद्युत ट्रांसमिशन, पेयजल और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित हैं।
उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विकसित भारत, विकसित राजस्थान कार्यक्रम के साथ राजस्थान के सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लाखों लोगों के जुड़ाव का उल्लेख किया और उन्हें इस कार्यक्रम में उपस्थित रहने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने सभी लाभार्थियों को एक छत के नीचे लाने के बारे में प्रौद्योगिकी के उत्कृष्ट उपयोग के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री को भी बधाई दी।
राजस्थान के लोगों की गुणवत्ता पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ दिन पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के राजस्थान में हुए स्वागत को स्मरण करते हुए कहा कि इसकी गूंज न सिर्फ भारत भर में बल्कि फ्रांस में भी सुनाई दी है। प्रधानमंत्री ने राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के दौरे में लोगों के आशीर्वाद का स्मरण करते हुए डबल इंजन सरकार के गठन में ‘मोदी की गारंटी’ के प्रति विश्वास की भी पुष्टि की। उन्होंने सड़क, रेलवे, सौर ऊर्जा, विद्युत ट्रांसमिशन, पेयजल और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस के क्षेत्रों में आज 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की विकास परियोजनाओं के लिए राजस्थान की जनता को बधाई देते हुए कहा कि इन परियोजनाओं से राज्य में रोजगार के अनेक अवसर जुटाने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से ‘ये ही समय है-सही समय है’ का समरण करते हुए वर्तमान समय को स्वर्णिम काल बताते हुए कहा कि भारत पिछले कई दशकों की निराशा को पीछे छोड़कर पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले घोटालों, असुरक्षा और आतंकवाद की बात के विपरीत अब हमारा ध्यान विकसित भारत और विकसित राजस्थान के लक्ष्य पर केंद्रित हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम बड़े संकल्प ले रहे हैं और बड़े सपने भी देख रहे हैं तथा हम इन सपनों को साकार करने के लिए अपने आप को समर्पित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं विकसित भारत की बात करता हूं तो ये केवल एक शब्द या एक भावना ही नहीं है बल्कि प्रत्येक परिवार के जीवन को समृद्ध बनाने का एक अभियान भी हैं।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत अभियान देश में गरीबी दूर करने, गुणवत्तायुक्त रोजगार का सृजन करने और देश में आधुनिक सुविधाएं जुटाने का अभियान है। अपनी विदेश यात्रा के दौरान, जिससे वह कल लौटे हैं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने वैश्विक नेताओं के साथ हुई बातचीत का जिक्र करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि विश्व नेता यह मान रहे हैं कि भारत अब बड़े सपने देख सकता है और उन सपनों को साकार कर सकता है।
प्रधानमंत्री ने रेल, सड़क, विद्युत और जल जैसे आवश्यक क्षेत्रों के तेजी से विकास की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि विकसित भारत के विकास के लिए विकसित राजस्थान का विकास जरूरी है।” उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों के विकास से किसानों, पशुपालकों, उद्योगों और पर्यटन सहित अन्य लोगों को लाभ मिलेगा, इसके साथ ही राज्य में नए निवेश और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के केंद्रीय बजट में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 11 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन किया गया है, जो किसी भी पिछली सरकार की तुलना में 6 गुना से भी अधिक है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस व्यय से सीमेंट, पत्थर और सिरेमिक उद्योगों को भारी लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान में पिछले 10 वर्षों के दौरान ग्रामीण सड़कों, राजमार्गों और एक्सप्रेसवे में हुए अभूतपूर्व निवेश का उल्लेख करते हुए कहा कि आज राजस्थान चौड़े राजमार्गों के माध्यम से गुजरात, महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों से लेकर पंजाब तक जुड़ रहा है। आज की परियोजनाएं कोटा, उदयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, बूंदी, अजमेर, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगी। ये सड़कें दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र के साथ बेहतर कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करेंगी।
प्रधानमंत्री ने रेलवे के विद्युतीकरण, सुधार और मरम्मत कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बांदीकुई-आगरा फोर्ट रेल लाइन के दोहरीकरण से मेहंदीपुर बालाजी और आगरा तक सहज पहुंच उपलब्ध होगी। इसी तरह, उन्होंने खातीपुरा (जयपुर) स्टेशन का भी जिक्र किया, जो अधिक ट्रेनों के संचालन में सक्षम हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने नागरिकों को अपने घरों में सौर बिजली का उत्पादन करने के साथ-साथ इस अतिरिक्त बिजली को बेचकर आय जुटाने में सक्षम बनाने के बारे में सरकार के प्रयासों का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने पीएम सूर्य घर योजना या नि:शुल्क बिजली योजना की पहल पर प्रकाश डाला, जिसमें सरकार 300 यूनिट मुफ्त बिजली की व्यवस्था करेगी।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार प्रारंभ में एक करोड़ घरों की छतों पर सौर पैनल स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करेगी। इस परियोजना का कुल परिव्यय लगभग 75,000 करोड़ रुपये होगा। उन्होंने उल्लेख किया कि इससे मध्यम वर्गीय और निम्न मध्यम वर्गीय के समाज को सबसे ज्यादा लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि इसके लिए बैंक भी आसानी से ऋण उपलब्ध कराएंगे। श्री मोदी ने गरीबों और मध्यम वर्ग के खर्च को कम करने में डबल इंजन सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजस्थान में सरकार ने 5 लाख घरों में सौर पैनल लगाने की योजना बनाई है।
प्रधानमंत्री ने चार वर्गों यानी युवा, महिला, किसान और गरीबों के विकास पर ध्यान केन्द्रित करने का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे लिए ये 4 सबसे बड़ी जातियां हैं और मुझे खुशी है कि डबल इंजन सरकार इन वर्गों के सशक्तिकरण के लिए मोदी द्वारा दी गई गारंटी को पूरा कर रही है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की नई सरकार के पहले बजट में 70 हजार रोजगारों का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने पेपर लीक घटनाओं के लिए एसआईटी के गठन करने के बारे में नई राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए पेपर लीक के खिलाफ कड़े नए केंद्रीय कानून के बारे में भी जानकारी दी जो इस बारे में निवारक के रूप में काम करेगा।
प्रधानमंत्री ने गरीब परिवारों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की राज्य सरकार की गारंटी का उल्लेख किया और कहा कि इससे राजस्थान में लाखों महिलाओं को लाभ हुआ है। पिछली सरकार के दौरान जल जीवन मिशन में हुए घोटालों की तरफ इशारा करते हुए श्री मोदी ने उल्लेख किया कि अब काम तेज गति से हो रहा है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान के किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के तहत दी जा रही 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता में 2,000 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि हम हर क्षेत्र में एक-एक करके दिये गए अपने वायदे पूरे कर रहे हैं। हम अपनी गारंटी को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिए लोग कहते हैं – मोदी की गारंटी का मतलब गारंटी पूरा होना है।
विकसित भारत संकल्प यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी का प्रयास यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक लाभार्थी को उसका अधिकार शीघ्र मिले और कोई भी इससे वंचित न रहे। उन्होंने राजस्थान के करोड़ों नागरिकों की भागीदारी का उल्लेख किया, जहां लगभग 3 करोड़ लोगों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की गई है, एक करोड़ नए आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं, 15 लाख किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के लिए पंजीकरण कराया है, पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए लगभग 6.5 लाख किसानों ने आवेदन किया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि लगभग 8 लाख महिलाओं ने उज्ज्वला गैस कनेक्शन के लिए पंजीकरण कराया है, जहां इस अवधि के दौरान 2.25 लाख कनेक्शन पहले ही जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राजस्थान के 16 लाख लोग 2-2 लाख रुपये वाली बीमा योजना से जुड़ चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने उन ताकतों की तरफ इशारा किया जो निराशा के माहौल को तो बढ़ावा देते हैं और देश की सफलताओं का जश्न मनाने से दूर रहते हैं। उन्होंने वंशवाद की राजनीति के प्रति सचेत रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसी राजनीति युवाओं को प्रोत्साहित नहीं करती। पहली बार मतदाता बने युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे युवा ‘विकसित भारत’ के विज़न के साथ खड़े हैं। विकसित राजस्थान और विकसित भारत का विज़न पहली बार मतदाता बने युवाओं के लिए है।
इस कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा, राजस्थान सरकार के अन्य मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय स्तर के प्रतिनिधि शामिल हुए।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री ने राजस्थान में 5000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने 8-लेन दिल्ली-मुंबई ग्रीन फील्ड एलाइनमेंट (एनई-4) के तीन पैकेजों अर्थात बौंली-झलाई रोड से मुई गांव सेक्शन तक; हरदेवगंज गांव से मेज नदी सेक्शन तक; और तकली से राजस्थान/मध्यप्रदेश सीमा तक के सेक्शन का उद्घाटन किया। ये सेक्शन इस क्षेत्र में तेज़ और बेहतर कनेक्टिविटी उपलबध कराएंगे।
ये सेक्शन वन्यजीवों की बाधारहित आवाजाही की सुविधा के साथ छद्मावरण के साथ पशु अंडरपास और पशु ओवरपास से भी सुसज्जित हैं। इसके अतिरिक्त, वन्यजीवन पर शोर के प्रभाव को कम करने के लिए शोर अवरोधकों का भी प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री ने देबारी में राष्ट्रीय राजमार्ग-48 के चित्तौड़गढ़-उदयपुर राजमार्ग सेक्शन को काया गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-48 के उदयपुर-शामलाजी सेक्शन से जोड़ने वाले 6-लेन के ग्रीनफील्ड उदयपुर बाईपास का भी उद्घाटन किया। यह बाईपास उदयपुर शहर में यातायात भीड़भाड़ को कम करने में भी मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने कई अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया जो राजस्थान के झुंझुनू, आबू रोड और टोंक जिलों में सड़कों के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाएंगी।
इस क्षेत्र में रेल बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने लगभग 2300 करोड़ रुपये की लागत वाली राजस्थान की आठ महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। राष्ट्र को समर्पित की जा रही रेल परियोजनाओं में जोधपुर-राय का बाग-मेड़ता रोड-बीकानेर सेक्शन (277 किलोमीटर), जोधपुर-फलोदी खंड (136 किमी); और बीकानेर-रतनगढ़-सादुलपुर-रेवाड़ी खंड (375 किमी) सहित रेल मार्गों के विद्युतीकरण के लिए विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने ‘खातीपुरा रेलवे स्टेशन’ का भी लोकार्पण किया। यह रेलवे स्टेशन जयपुर के लिए एक सैटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है जो ‘टर्मिनल सुविधा’ से लैस है जहां से ट्रेनों का प्रस्थान और समापन किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने जिन रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखी, उनमें भगत की कोठी (जोधपुर) में वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की रख-रखाव सुविधा शामिल है; खातीपुरा (जयपुर) में वंदे भारत, एलएचबी जैसे सभी प्रकार के रेक का रखरखाव; हनुमानगढ़ में रेलों के रख-रखाव के लिए कोच देखभाल परिसर का निर्माण; और बांदीकुई से आगरा फोर्ट रेल लाइन का दोहरीकरण शामिल है।
रेलवे क्षेत्र की परियोजनाओं का उद्देश्य रेल बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण करना, सुरक्षा उपायों को बढ़ाना, कनेक्टिविटी को बेहतर करना तथा माल और लोगों की आवाजाही को अधिक कुशलतापूर्वक सुविधाजनक बनाना है।
क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने राजस्थान में लगभग 5300 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण सौर परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने राजस्थान के बीकानेर में बरसिंगसर थर्मल पावर स्टेशन के पास स्थापित होने वाली 300 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना, एनएलसीआईएल बरसिंगसर सौर परियोजना की आधारशिला रखी।
इस सौर परियोजना को आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप भारत में निर्मित उच्च दक्षता वाले बाइफेशियल मॉड्यूल से युक्त नवीनतम अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने सीपीएसयू योजना चरण- II (ट्रांच -III) के तहत एनएचपीसी लिमिटेड की 300 मेगावाट की सौर विद्युत परियोजना की भी आधारशिला रखी, जिसे राजस्थान के बीकानेर में विकसित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान के बीकानेर में विकसित 300 मेगावाट की एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड नोखरा सौर पीवी परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित की। यह सौर परियोजनाएं हरित विद्युत सृजन, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को संतुलित करने और क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान में 2100 करोड़ रुपये से अधिक की राष्ट्रीय विद्युत ट्रांसमिशन क्षेत्र की परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित कीं। ये परियोजनाएं राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षेत्रों से बिजली की निकासी के लिए हैं ताकि इन क्षेत्रों में सौर विद्युत सृजन को लाभार्थियों तक पहुंचाया जा सके।
इन परियोजनाओं में चरण- II भाग ए के तहत राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षेत्रों (8.1 गीगावॉट) से बिजली की निकासी के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम को मजबूत बनाने की योजनाओं में चरण-II भाग-बी1 के तहत राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षेत्रों (8.1 गीगावॉट) से बिजली की निकासी के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम को मजबूत बनाने की योजना; बीकानेर (पीजी), फतेहगढ़-II और भादला-II में आरई परियोजनाओं से कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली का सृजन शामिल है।
प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत परियोजनाओं सहित लगभग 2400 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी, जिनका उद्देश्य राजस्थान में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना है। ये परियोजनाएं पूरे देश भर में व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री के समर्पण को दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री ने जोधपुर में इंडियन ऑयल का एलपीजी बॉटलिंग प्लांट राष्ट्र को समर्पित किया। यह प्लांट संचालन और सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और स्वचालन प्रणाली से लैस है जो रोजगार जुटाने के साथ-साथ इस क्षेत्र के लाखों उपभोक्ताओं की एलपीजी जरूरतों को पूरा करेगा।
राजस्थान में इन विकास परियोजनाओं का शुभारंभ राजस्थान के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य को बदलने और राज्य में विकास के नये अवसर जुटाने के लिए प्रधानमंत्री के अथक प्रयासों को दर्शाता है। यह कार्यक्रम राजस्थान के सभी जिलों में लगभग 200 स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मुख्य कार्यक्रम जयपुर में आयोजित किया जाएगा। राज्यव्यापी कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाखों लाभार्थियों की भागीदारी देखी गई। कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार के अन्य मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय स्तर के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।