कूनो नेशनल पार्क से मादा चीता दो दिनों से बाहर घूम रही; रिहायशी इलाके में चीते के भ्रमण से रहवासियों में भय व्‍याप्‍त

कूनो नेशनल पार्क से मादा चीता दो दिनों से बाहर घूम रही; रिहायशी इलाके में चीते के भ्रमण से रहवासियों में भय व्‍याप्‍त

भोपाल। प्रदेश के कूनों अभ्‍यारण्‍य से अच्‍छी खबर नहीं है क्‍योंकि मादा चीता इन दो दिनों से बाहर घूम रही है। मिली जानकारी के अनुसार श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क से मादा चीता वीरा पिछले दो दिनों से बाहर है। उसकी लोकेशन वीरपुर तहसील इलाके में रिहाईशी इलाकों के आसपास देखी जा रही है।

सोमवार शाम यह चीता वीरपुर पुलिस थाने की बाउंड्री के ठीक पास में कोनदे नाले में देखी गई थी। इसके बाद चक सीताराम गांव के पास श्यारदा ग्राम पंचायत की सरपंच के घर के पीछे भी देखी गई, जिसे देखने के लिए सरपंच के घर लोगों की भीड़ जमा हो गई। वन विभाग अमला भी चीते की लोकेशन को ट्रेस करते वीरपुर के आसपास घूम रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार सोमवार शाम करीब 7 बजे चीता वीरा को चक सीताराम और हारकुई गांव के आसपास देखी गई। इस इलाके से कुछ ही किलोमीटर आगे से मुरैना जिले की सीमा शुरू हो जाती हैं। अगर चीता आगे बढ़ती हैं, तो मुरैना जिले की सीमा में प्रवेश कर जाएगी।

वहां से कुछ ही किलोमीटर आगे चंबल नदी हैं, जहां से राजस्थान की भी सीमा लगी है। इस वजह से वन अमला चीते को लगातार ट्रैक करके उस पर निगरानी बनाए हुए हैं। ताकि, चीता अगर राजस्थान की सीमा की तरफ बढ़े, तो उसे ट्रेंकुलाइज करके वापस कूनो नेशनल पार्क लाया जा सके।

वीरपुर क्षेत्र के जंगल में सबसे ज्यादा वन्य जीव
कूनो नेशनल पार्क में शावकों सहित चीतों की संख्या 21 हैं, लेकिन तेंदुए से लेकर हिरण, सांभर और नीलगाय और तमाम तरह के वन्य जीवों की तादाद यहां हजारों में हैं। हर किलोमीटर के दायरे में यह वन्य जीव कूनो के अंदर देखे जा सकते हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा वन्य जीव वीरपुर वन रेंज के लोंझर क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं। शायद यह चीता भी इसी वजह से इस क्षेत्र के लिए आकर्षित हुई होगी।

रिहाइशी इलाके में हो रही चहलकदमी –
वीरा चीता पिछले दो दिनों से वीरपुर तहसील के रिहायशी इलाकों के आसपास देखी जा रही है। इस वजह से वन अमले की चुनौती बढ़ गई हैं। क्योंकि, रिहाइशी इलाका होने से चीते को इंसानों और इंसानों को चीते से खतरा हो सकता है। हालांकि, वन विभाग के अधिकारी चीते से इंसानों को किसी भी तरह का खतरा नहीं होने की बात कहते हैं।मामले में कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर थिरुकुराल से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन, उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

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