रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रभाव – जबलपुर की रजिया बी बनीं नंदिनी; परिवर्तन के बाद बोलीं- इस्लाम में तलाक, हलाला, बुर्का प्रथा

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रभाव – जबलपुर की रजिया बी बनीं नंदिनी; परिवर्तन के बाद बोलीं- इस्लाम में तलाक, हलाला, बुर्का प्रथा

भोपाल। अयोध्‍या में भगवान की प्राण्‍ प्रतिष्‍ठा का प्रभाव भी दिखने लगा है। मिली जानकारी के अनुसार जबलपुर की रजिया बी अब नंदिनी के नाम से जानी जाएंगी। अयोध्या में रामलला की प्राण – प्रतिष्ठा के दूसरे दिन यानी सोमवार को उन्होंने इस्लाम छोड़ते हुए सनातन धर्म अपनाया। शहर के शिव शंकर मंदिर में हिंदू धर्म सेना ने उन्हें सनातन धर्म अपनाने में मदद की।

जब पूछा गया तो जवाब में नंदिनी का कहना है कि जल्द वे अखबार में विज्ञापन निकलवाकर यह बता देंगी कि अब उनको नंदिनी नाम से पुकारा जाए। उन्होंने कहा कि अब वे अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीएंगी। इस्लाम में कुछ नहीं है, तलाक है, हलाला है और बुर्का प्रथा है।नंदिनी ने कहा कि उनके धर्म बदलने में पति शेरा शाहनवाज को ऐतराज नहीं है। पति और दो बच्चे 14 साल का बेटा, 12 साल की बेटी भी जल्द सनातन धर्म अपनाएंगे।

बचपन से ही सनातन के प्रति लगाव था –
नंदिनी बनीं रजिया कई महीने से हिंदू धर्म सेना के संपर्क में थीं। उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें सनातन धर्म में दिलचस्पी थी। वे भजन सुना करती थीं। मां – बाप से प्यार नहीं मिला, शादी हुई तो ससुराल में कोई साथ नहीं देता। इस्लाम में बुर्के के बिना आप बाहर नहीं निकल सकते। ऐसा करने पर समाज के लोग गालियां देते हैं। जबकि, सनातन में बेटियों को पूजा जाता है, इसलिए मुझे सनातन सबसे अच्छा लगा।

पूरा परिवार घर वापसी करेगा
हिंदू धर्म सेना के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि नंदिनी ने हम लोगों से संपर्क किया था। शुद्धिकरण, हनुमान चालीसा पढ़कर घर वापसी कराई। इनका पूरा परिवार घर वापसी करेगा।

Back to top button