चोरी करने वाले के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता 1973 एवं राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही

मुरैना 12 अक्टूबर 2023/पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड के संज्ञान में आया है, कि मुरैना में ट्रांसमिशन लाईन के टावरों से भारी मात्रा में एम.एस. एंगल चोरी हो रहें है। टावरों से एम.एस. एंगल निकल जाने से टावर गिर जाते है और संपूर्ण क्षेत्र विद्युत व्यवस्था वांछित हो जाती है। मुरैना में एम.एस. एंगल चोरी हो जाने से एक टावर गिर गया है।

जिला दण्डाधिकारी श्री अंकित अस्थाना ने कहा है कि पावर ग्रिड द्वारा विद्युत पारेषण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण एवं सम्वर्धन कार्य में किसी भी प्रकार का असयोग या व्यवधान डालने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता 1973 एवं राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के तहत कार्यवाही की जायेगी।

पावर ग्रिड के महाप्रबंधक श्री दीपक राज तुलसी ने एक जानकारी में बताया कि पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा मध्यप्रदेश के राज्यातंरिक विद्युत पारेषण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण एवं सम्वर्धन के लिये मुरैना में पावर ग्रिड की निम्न प्रणालियों का निर्माण 765 केव्ही ग्वालियर, आगरा 1 एवं 2, 765 केव्ही ग्वालियर, जयपुर 1 एवं 2 ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया जा रहा है। श्री तुलसीने बताया कि पिछले कुछ महीनों के दौरान उपरोक्त लाइनों के टावरों से भारी मात्रा में एम.एस. एंगल चोरी की घटनायें हो रही है। ट्रांसमिशन लाइन के टावर कई एम.एस. एंगल के संयोजन से संरचनित होते है, एम.एस. एंगल की चोरी भारी बवंडर है, जो तूफान के प्रति इन टावरों को कमजोर और सम्वेदनशील बना देती है, जिसके कारण आंधी, तूफान आने पर टावर गिरने से संपूर्ण क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था वाधित होती है एवं शासन को भी राजस्व की हानि होती है। उन्होंने बताया कि एम.एस. एंगल चोरी होने से एक टावर गिर भी गया है।

जिला दण्डाधिकारी श्री अंकित अस्थाना ने बताया कि पावर ग्रिड का कार्य लोकहित एवं सार्वजनिक सम्पत्ति होकर निर्वाध विद्युत आपूर्ति के संचार के लिये है। चोरी की घटना लोकहित एवं निर्वाध विद्युत संचार में व्यवधान उत्पन्न करने वाली है। एम.एस. एंगल की चोरी लोक व्यवस्था बनाये रखने में बाधक है तथा समाज के लिये आवश्यक सेवा पूर्ति की व्यवस्था बनाये रखने के लिये हानिकारक होकर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3(2) के तहत दण्डनीय कृत्य है।

जिला दण्डाधिकारी ने कहा है कि पावर ग्रिड द्वारा संचालित विद्युत पारेषण प्रणाली के कार्य में किसी भी प्रकार के असयोग या व्यवधान डालने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता 1973 एवं राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

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