चुनावी बॉन्ड मामले में 2 संगठनों ने की SIT जांच की मांग

चुनावी बॉन्ड मामले में 2 संगठनों ने की SIT जांच की मांग

चुनावी बॉन्ड योजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल से जांच की मांग की गई है। एनजीओ कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन द्वारा दायर याचिका में इसे घोटाला बताया और अधिकारियों को शेल कंपनियों और घाटे में चल रही कंपनियों के वित्त पोषण के स्रोत की जांच करने का निर्देश देने की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद, भारतीय स्टेट बैंक ने चुनाव आयोग (ईसी) के साथ डेटा साझा किया था, जिसने बाद में उन्हें सार्वजनिक कर दिया। एनजीओ कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन द्वारा दायर याचिका में इसे ‘घोटाला’ करार देते हुए अधिकारियों को शेल कंपनियों और घाटे में चल रही कंपनियों के वित्त पोषण के स्रोत की जांच करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में अधिकारियों को कंपनियों द्वारा दान किए गए पैसे को ‘क्विड प्रो क्वो व्यवस्था’ के हिस्से के रूप में वसूलने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि चुनावी बॉन्ड घोटाले में ऐसा प्रतीत होता है कि देश की कुछ प्रमुख जांच एजेंसियां जैसे कि सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग भ्रष्टाचार का सहायक बन गई हैं।

इसमें दावा किया गया है कि कई कंपनियां जो इन एजेंसियों की जांच के दायरे में थीं, उन्होंने जांच के नतीजों को संभावित रूप से प्रभावित करने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी को बड़ी रकम का दान दिया है। याचिका में कहा गया है कि इस घोटाले की जांच शीर्ष अदालत द्वारा चुने गए और शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में काम करने वाले मौजूदा/सेवानिवृत्त जांच अधिकारियों की एक एसआईटी द्वारा की जानी चाहिए।

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