शिक्षक शिक्षा में नवाचारों को शामिल कर विद्यार्थियों को संस्कार पूर्ण शिक्षा प्रदान करें – मुकेश गर्ग

धौलपुर। राजस्थान शिक्षक एंव पंचायतीराज कर्मचारी संघ के जिला स्तरीय शैक्षिक अधिवेशन का आयोजन जैन सेवा सदन में किया गया। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा उपनिदेशक मुकेश कुमार गर्ग रहे। समारोह की अध्यक्षता राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य हरिओम शर्मा ने की। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी अंजलि सिंह, वरिष्ठ पत्रकार नितिन भाल, संगठन के प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा, कर्मचारी संयुक्त महासंघ के जिला संयोजक यदुवीर सिंह गुर्जर, शिक्षाविद सर्वेश कुमारी अग्रवाल, राकेश दीक्षित राजवीर क्रांति तथा वरिष्ठ कवि मनोज कुमार बेचैन मौजूद रहे।समारोह को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा उपनिदेशक मुकेश कुमार गर्ग ने कहा कि शिक्षक शिक्षा में नवाचारों को शामिल करते हुए विद्यार्थियों में नैतिक मूल्य के साथ संस्कार विकसित करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से जिले के शिक्षकों ने कड़ी मेहनत कर सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ोतरी, स्कूलों के भौतिक स्वरूप में बदलाव कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम देकर निजी स्कूलों को भी पीछे धकेल दिया है जो शिक्षा के लिए सुखद पहल है। प्राचार्य हरिओम शर्मा ने कहा कि शिक्षा के बिना किसी भी  समाज एंव देश का विकास सम्भव नहीं है। शिक्षक उस दीपक के समान है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाशित करता है। वर्तमान समय में शिक्षकों समक्ष कई प्रकार की चुनौतियां हैं जिनको स्वीकारते हुए उन्हें स्कूली शिक्षा में श्रेष्ठ कार्य कर राष्ट्र निर्माता की भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए। प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने शिक्षकों को कक्षा शिक्षण से दूर करने तथा लगातार विभिन्न प्रकार के गैर गैर शैक्षणिक कार्य लिए जाने पर कड़ा यात्रा एतराज जताते हुए कहा कि शिक्षकों को केवल शिक्षक ही रहने दिया जाए। पिछले सालों से शिक्षकों को बहुउद्देशीय कर्मचारी बनाने की कोशिश की जा रही है वह बेहद खतरनाक है इसे रोकने की सख्त जरूरत है। शर्मा ने वर्तमान परीक्षा प्रणाली में सुधार सहित चुनाव आयोग से परमिशन लेकर विभाग से चयनित सभी ग्रेड के शिक्षकों के नियुक्ति आदेश दिए जाने की मांग की। विशिष्ट अतिथि अंजलि सिंह ने कहा कि शिक्षक समाज के पथ प्रदर्शक होते हैं  इसलिए उन्हें राष्ट्र निर्माता की पदवी से सम्मानित किया गया है। शिक्षकों का फर्ज है कि वह अपने राष्ट्र निर्माता के गुरुत्व दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन कर बच्चों को बेहतरीन शिक्षा प्रदान करें।  इस मौके पर कर्मचारी नेता यदुवीर सिंह गुर्जर व वरिष्ठ पत्रकार नितिन भाल ने भी विचार व्यक्त किये। समारोह की शुरुआत में संघ के

जिलाध्यक्ष हरीसिंह गुर्जर, सभाध्यक्ष सुरेंद्र रावत, जिला मंत्री चंद्रशेखर शर्मा, उपाध्यक्ष केदार सिंह बघेल, अवधेश सारस्वत, कोषाध्यक्ष देवेंद्र त्यागी, ब्लॉक अध्यक्ष मंगल सिंह कुशबाह, विवेक शर्मा, सत्यपाल परमार, राजकुमार राजपूत आमोद श्रीवास्तव, दिलीप गोस्वामी, दिनेश शर्मा, फिरोज खान, नंदकिशोर लोधी, राजीव सिसोदिया, राजू सेन हंसराम मीणा, वंदना राना, स्नेह लता श्रीवास्तव सहित कई पदाधिकारियों ने अतिथियों का माल्यार्पण साफा बांधकर एवं गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। संगठन के जिला अध्यक्ष हरि सिंह गुर्जर ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए स्थानीय शिक्षकों की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए संगठन की रीति नीति के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। जिला मंत्री चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि शैक्षिक सम्मेलन के दौरान शिक्षकों से प्राप्त सुझावों एवं समस्याओं के प्रस्तावों का मसौदा तैयार कर शिक्षा निदेशक को प्रस्तुत किया जाएगा।  कार्यक्रम का संचालन अनिल मिश्रा ने तथा आभार सभा अध्यक्ष सुरेंद्र रावत ने व्यक्त किया।

 

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