स्वामित्व योजना में प्रदेश ने किया अच्छा काम -सचिव, पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार -स्वामित्व योजना की प्रगति एवं क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक में केन्द्रीय सचिव श्री सुनील कुमार ने कार्यों की टाइमलाइन तय कर दिए कई निर्देश
स्वामित्व योजना में प्रदेश ने किया अच्छा काम -सचिव, पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार -स्वामित्व योजना की प्रगति एवं क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक में केन्द्रीय सचिव श्री सुनील कुमार ने कार्यों की टाइमलाइन तय कर दिए कई निर्देश
जयपुर, 12 सितम्बर। प्रदेश ने 25 हजार से भी अधिक गांवों में ड्रोन सर्वे कर स्वामित्व योजना में पिछले 18 महीने में अच्छा काम करके दिखाया है। लेकिन सबसे बड़ा राज्य और गांवों की बड़ी संख्या के कारण यहां समय पर सर्वे, मैप प्रथम-द्वितीय जारी कर लाभार्थी को सम्पत्ति के प्रॉपर्टी कार्ड जारी करने के काम में और तेजी लानी होगी।
पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार के सचिव श्री. सुनील कुमार ने मंगलवार को प्रातः शासन सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में राज्य में स्वामित्व योजना की प्रगति एवं क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना का वास्तविक मकसद डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने के साथ ही योजना में निर्मित नक्शों एवं डेटाबेस को विकास कार्यों की प्लानिंग में उपयोग किया जाना है। योजना का पूरा रिकॉर्ड तैयार होने के बाद विकास कार्यों की प्लानिंग के लिए बार-बार फील्ड सर्वे नहीं करना होगा और सटीकता के साथ डेटा का विविध कार्यों में उपयोग लिया जा सकेगा।
श्री सुनील कुमार ने सर्वे ऑफ इण्डिया को ड्रोन सर्वे डेटा के आधार पर 10 हजार गांवों के बैकलॉग मैप प्रथम नवम्बर अन्त तक पंचायती राज विभाग को उपलब्ध करा देने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि विभाग द्वारा मैप वन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ग्राउण्ड पर इस पर प्रॉपर्टी टूªथिंग एवं मार्किग का कार्य भी तेजी से किया जाए।
केन्द्रीय सचिव ने निर्देश दिए कि स्वामित्व योजना में दिए जाने वाले प्रॉपर्टी कार्ड डिजिटली दिए जाने के लिए आवश्यकतानुसार नियमों में बदलाव किया जाए एवं सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेट कर आगे से प्रॉपट्री कार्ड डिजिटली ही दिए जाएं। साथ ही पूर्व अभियानों में ग्रामीण क्षेत्र में दिए जा चुके करीब 13 लाख से अधिक पट्टों को भी डिजिटली इंटीग्रेट किया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रॉपर्टी कार्ड जारी कर वितरित किए जाने के बाद फाइनल मैप पर सर्वे ऑफ इण्डिया, ग्राम सेवक एवं पटवारी द्वारा इसे हस्ताक्षरित कर संधारण का काम भी जल्द ही प्रारम्भ किया जाए।
श्री सुनील कुमार ने निर्देशित किया कि पंचायतकर्मियों, पटवारी, सैटलमेंट के अधिकारियों एवं सर्वेयरों को सर्वे ऑफ इण्डिया द्वारा तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाए एवं योजना में तैयार नक्शों को ग्राम पंचायत विकास योजना, पंचायत समिति विकास योजना एवं जिला परिषद विकास योजना तैयार करते समय नल, बिजली, पानी डेªनेज एवं अन्य विभिन्न साधन-सुविधाओं एवं आवश्यकताओं के आकलन एवं डिमार्केशन के लिए लिए उपयोग किया जाए। साथ ही बैंक भी योजना में दिए गए प्रॉपर्टी कार्ड के आधार पर उपयोगकर्ता को प्रोपर्टी के सम्बन्ध में विभिन्न ऋण आवश्यकताओं के लिए ऋण देने की संभावनाओं पर काम करे।
पंचायती राज विभाग की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अभय कुमार, शासन सचिव श्री रवि जैन एवं अतिरिक्त आयुक्त डॉ. रौनक बैरागी ने राज्य में स्वामित्व योजना की प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी दी।
बैठक में केन्द्रीय संयुक्त सचिव एमओपीआर श्री आलोक प्रेम नागर, हैण्ड होल्डिंग एवं मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन लेफिटनेंट जनरल श्री गिरीश कुमार, आयुक्त सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग श्री इंद्रजीत सिंह, उपायुक्त पंचायती राज श्री संतोष कुमार गोयल, निदेशक, राजस्थान जीडीसी सर्वे ऑफ इण्डिया श्री महेश गौड़, बैंकर्स समिति के प्रतिनिधि श्री आलोक सिंघल, राजस्व विभाग के प्रतिनिधि श्री शशि जैन आदि अधिकारी शामिल हुए।