एलेट्स राष्ट्रीय राजस्व सम्मेलन आयोजित- प्रभावी राजस्व प्रबन्धन हेतु प्रोद्यौगिकी के नवीनतम विकास की जानकारी आवश्यक -सचिव, वित्त (राजस्व)
एलेट्स राष्ट्रीय राजस्व सम्मेलन आयोजित- प्रभावी राजस्व प्रबन्धन हेतु प्रोद्यौगिकी के नवीनतम विकास की जानकारी आवश्यक -सचिव, वित्त (राजस्व)
जयपुर, 15 सितम्बर। सार्वजनिक क्षेत्र की वित्तीय दक्षता बढ़ाने के लिए नवीन दृष्टिकोणों की जांच करने के उद्देश्य से आज आयोजित इस दो दिवसीय एलेट्स राष्ट्रीय राजस्व सम्मेलन के पहले दिन “प्रभावी राजस्व प्रबंधन के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा”, भविष्य में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन की वास्तुकला”, “डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से राजस्व प्रणालियों का आधुनिकीकरण” , और “राजस्व वृद्धि में चुनौतियाँ और अवसर,”जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विभिन्न राज्यों के वित्त विभागों के अधिकारियों ने विभिन्न पैनल सेशन के दौरान विचार विमर्श किया। इस अवसर पर ई-गवर्नेंस पत्रिका के एक विशेष संस्करण का विमोचन भी किया गया।
सम्मेलन में वित्त सचिव (राजस्व) श्री के.के. पाठक ने कहा कि राजस्व और राज्य आपस में जुड़े हुए हैं और दोनों एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं। उन्होंने कौटिल्य के अर्थशास्त्र का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य की संप्रभुता का संबंध उसकी राजनीतिक शक्ति से अधिक उसकी आर्थिक शक्ति से है।चीजें तेजी से बदल रही हैं और प्रौद्योगिकी लगातार विकसित हो रही है, इसलिए हमें नवीनतम प्रौद्योगिकी विकास के बारे में जानकारी रखने की आवश्यकता है,ताकि प्रभावी राजस्व प्रबंधन और राष्ट्र के विकास को बढ़ावा देने में पीछे न रहें।
राजस्व सम्मेलन में गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त श्री जे. पी. गुप्ता ने कर प्रणाली की तुलना तितली और फूल के रिश्ते से करते हुए कहा कि जिस प्रकार तितली फूल से पोषक तत्व निकालती है, उसी प्रकार कर व्यवस्था का उपयोग अर्थव्यवस्था से संसाधन प्राप्त करने में किया जाता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह एक फूल तितली के कार्यों के माध्यम से बेहतर बीज पैदा करता है, वैसे ही कर व्यवस्था को अपनी मौलिक प्रकिया के माध्यम से अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए स्वतंत्र छोड़ देना चाहिए, ताकि संसाधनों के उचित सृजन से अर्थव्यवस्था में वृद्धि और प्रसार सुनिश्चित हो।
राज्य की आय में पंजीकरण और स्टाम्प के योगदान के बारे बताते हुए संयुक्त सचिव, वित्त (कर), सुश्री नम्रता वृष्णि ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार में ऑटो डीड सिस्टम को अपनाया गया है, जिसके तहत ई-पंचायत पोर्टल के माध्यम से उपयोगकर्ता बिना बिचौलियों की मदद के सरल तरीके से अपने कार्य सम्पादित कर सकते हैं। दूसरी पहल राजस्टैम्प है, जिसका उद्देश्य स्टाम्प खरीद के लिए उपयोगकर्ता को अनुकूल ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करना है।
राजस्व सम्मेलन में एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री संजय अग्रवाल ने बैंकिंग परिप्रेक्ष्य में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऋण आवंटन में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक का योगदान काफी महत्वपूर्ण है और यह बैंकिंग क्षेत्र की दृष्टि से देश के लिए सकारात्मक संकेत है। इलेट्स टेक्नोमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ डॉ. रवि गुप्ता कहा कि एलेट्स राष्ट्रीय राजस्व समिट एक विशिष्ट कार्यक्रम के रूप में कार्य करता है, जो राजस्व मामलों के लिए जिम्मेदार विभिन्न विभागों को अपने विचार, समस्याएं और उनके निराकरण साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।